जो इन्सान दया करता हो वह धार्मिक है ,सेवा करता हो उसे धार्मिक मानना , जो व्यक्ति दूसरों से घृणा नहीं करता, सबसे प्रेम का व्यवहार करता हे उसे धार्मिक मानना ,जो व्यक्ति बदला लेने कीभावना से ऊपर उठ जाता है ,दूसरों को माफ करना जानता है , उसे धार्मिक मानना और जिस आदमी के अन्दर अपने आप संतुष्ट रहने की आदत बन गयी ,दूसरों की चीजों को देख कर पागल नहीं होता कि मेरे पास होनी चाहिये ,उसे समझना वह धार्मिक हो गया !....
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jai Maa Vaishno Devi
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