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निर्दोष जी की लेखनी से एक शिव आराधना :-
"तेरा नाम है भोला भण्डारी ,भंडार हमारे भर देना ,
इक दया की दृष्टि कर देना ,दुक्ख भक्तजनों के हर देना ,
(1)सब देवों में तुम महादेव ,तेरी लीला अपरमपार प्रभु ,
तुम्हें चिंता रहती जन जन की ,तेरे आसरे कुल संसार प्रभु ,
हे चंद्रचूढ़ महाकौतुकी शिव ,सुख चैन का हमको वर देना ....इक दया के दृष्टि ...
(2)हर सोम को हमने व्रत है किया ,और दूध चढ़ाया द्वार तेरे ,
बेल पत्तियां भी अर्पण की तुझको ,गुण गाए हैं शत शत बार तेरे ,
हे कालदहन हे भस्माङ्गि...बरसा कुछ करुणा इधर देना ...इक दया की दृष्टि ...
(3)है पूजा तुम्हारी पुण्यदायक ,तुम्ही शरणागत के रखवारे ,
हे पंचमुखी हे कालपति ,हम कबसे खड़े हैं तेरे द्वारे ,
जीवन के गगन पर उड़ने को ,हमें दिव्य दया के पर देना ...यह वंदना आदरणीय निर्दोष जी ने 1988 में लिखी है ...जय महा काल .....जय माँ त्रिपुरमालिनी...जय देवा माँ ...
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