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Sunday, January 24, 2016

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From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2016-01-24 13:38 GMT+05:30
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To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>


गायत्री मंत्र क्यों और कब ज़रूरी है
☀सुबह उठते वक़्त 8 बार ❕✋✌👆❕अष्ट कर्मों को जीतने के लिए !!

🍚🍜 भोजन के समय 1 बार❕👆❕ अमृत समान भोजन प्राप्त होने के लिए  !!                        

🚶 बाहर जाते समय 3 बार ❕✌👆❕समृद्धि सफलता और सिद्धि के लिए    !!  

👏 मन्दिर में 12 बार ❕👐✌❕
प्रभु के गुणों को याद करने के लिए !!      

😢छींक आए तब गायत्री मंत्र  उच्चारण ☝1 बार  अमंगल दूर करने के लिए !!
                                        
सोते समय 🌙 7 बार  ❕✋✌ ❕सात प्रकार के भय दूर करने के लिए !!                                

कृपया सभी बन्धुओं को प्रेषित करें 👏👏  !!!

ॐ , ओउम् तीन अक्षरों से बना है।
अ उ म् ।
"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना,

"उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,

"म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना।

ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।

ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।

जानीए

ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक
और
अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग...

1. ॐ और थायराॅयडः-
ॐ का उच्‍चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

2. ॐ और घबराहटः-
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।

3. ॐ और तनावः-
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।

4. ॐ और खून का प्रवाहः-
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।

5. ॐ और पाचनः-
ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।

6. ॐ लाए स्फूर्तिः-
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।

7. ॐ और थकान:-
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।

8. ॐ और नींदः-
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।

9. ॐ और फेफड़े:-
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।

10. ॐ और रीढ़ की हड्डी:-
ॐ के पहले शब्‍द का उच्‍चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।

11. ॐ दूर करे तनावः-
ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।

आशा है आप अब कुछ समय जरुर ॐ का उच्चारण  करेंगे। साथ ही साथ इसे उन लोगों तक भी जरूर पहुंचायेगे जिनकी आपको फिक्र है
"पहला सुख निरोगी काया"


Saturday, January 23, 2016

जब भी आप


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज 

जिनका आज जनम दिन या विवहा की सालगिरह है 

उनको  को आशीर्वाद देते हुए 



जब भी आप किसी अच्छे कार्य में लगते हैं तो आपके अन्दर का देवता जागने लगता है।

Friday, January 22, 2016

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जोखिम लेना सीखो ,चुनोतियों से डरो मत !

अगर आप अपनी


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज 

जिनका आज जनम दिन या विवहा की सालगिरह है 

उनको  को आशीर्वाद देते हुए 



अगर आप अपनी असफ़लताओं को याद करके अपने मन को निराश रखने लगे तो कुछ बनने की शक्ति समाप्त हो जाती है।

Thursday, January 21, 2016

क्या बोलना


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज 

आप को आशीर्वाद देते हुए 


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क्या बोलना चाहिए , क्या नहीं बोलना चाहिए ,कब बोलना चाहिए, कैसे बोलना  चाहिए ,इस का विवेक होना चाहिए !

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From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2016-01-21 9:54 GMT+05:30
Subject:
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>


🌹हर दिन स्मरण योग्य शुभ सुंदर मंत्र संग्रह🌹

🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴

        🔹 प्रात: कर-दर्शनम्🔹

कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥

         🔸पृथ्वी क्षमा प्रार्थना🔸

समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मंडिते।
विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमश्वमेव॥

🔺त्रिदेवों के साथ नवग्रह स्मरण🔺

ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतव: कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥

              ♥ स्नान मन्त्र ♥

गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥

           🌞 सूर्यनमस्कार🌞

ॐ सूर्य आत्मा जगतस्तस्युषश्च
आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने।
दीर्घमायुर्बलं वीर्यं व्याधि शोक विनाशनम्
सूर्य पादोदकं तीर्थ जठरे धारयाम्यहम्॥

ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सवित्रे नम:
ॐ अर्काय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥

                🔥दीप दर्शन🔥

शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते॥

दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते॥

            🌷 गणपति स्तोत्र 🌷

गणपति: विघ्नराजो लम्बतुन्ड़ो गजानन:।
द्वै मातुरश्च हेरम्ब एकदंतो गणाधिप:॥
विनायक: चारूकर्ण: पशुपालो भवात्मज:।
द्वादश एतानि नामानि प्रात: उत्थाय य: पठेत्॥
विश्वम तस्य भवेद् वश्यम् न च विघ्नम् भवेत् क्वचित्।

विघ्नेश्वराय वरदाय शुभप्रियाय।
लम्बोदराय विकटाय गजाननाय॥
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय।
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥

शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजं।
प्रसन्नवदनं ध्यायेतसर्वविघ्नोपशान्तये॥

        ⚡आदिशक्ति वंदना ⚡

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

           🔴 शिव स्तुति 🔴

कर्पूर गौरम करुणावतारं,
संसार सारं भुजगेन्द्र हारं।
सदा वसंतं हृदयार विन्दे,
भवं भवानी सहितं नमामि॥

              🔵 विष्णु स्तुति 🔵

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

            ⚫ श्री कृष्ण स्तुति ⚫

कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।
नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥
सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।
गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥

मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्‌।
यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्‌॥

            ⚪ श्रीराम वंदना ⚪

लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।
कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥

               ♦श्रीरामाष्टक♦

हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।
गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।
बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥

    🔱 एक श्लोकी रामायण 🔱

आदौ रामतपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीवसम्भाषणम्॥
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद्रावण कुम्भकर्णहननं एतद्घि श्री रामायणम्॥

           🍁सरस्वती वंदना🍁

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वींणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपदमासना॥
या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा माम पातु सरस्वती भगवती
निःशेषजाड्याऽपहा॥

            🔔हनुमान वंदना🔔

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्‌।
दनुजवनकृषानुम् ज्ञानिनांग्रगणयम्‌।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्‌।
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥

मनोजवं मारुततुल्यवेगम जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये॥

         🌹 स्वस्ति-वाचन 🌹

ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्ट्टनेमिः
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥

            ❄ शांति पाठ ❄

ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्‌ पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्ष (गुँ) शान्ति:,
पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्व (गुँ) शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥

॥ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

          🍁


Sunday, January 17, 2016

विनम्रता


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज 

आप को आशीर्वाद देते हुए 


विनम्रता व्यक्ति की शक्ति है। विनम्रता में इतनी शक्ति है कि सामने वाला वशीभूत हो जाए।

Saturday, January 16, 2016

आप समस्या



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आप समस्या से नहीं मरते डर से मर जाते हैं !

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज 

आप को आशीर्वाद देते हुए 

Friday, January 15, 2016

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From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2016-01-14 8:55 GMT+05:30
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To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>


प्रार्थना भाव!
गुरुदेव कहते है कि इस दुनिया में जो भी कार्य आप करे परमपिता परमात्मा को  याद रख कर करें,उनका सिमरन-स्मरण करते हुए हर कार्य में ईश्वर की कृपा मांगे और कार्य होने पर उसका आभार व्यक्त करे उसका शुक्र करे!और नया कार्य करने पर प्रभु से प्रार्थना करे।हे मेरे ईश्वर आपकी प्रेरणा से मैं यह काम करने लगा हूँ आप भी आओ,मेरे साथ खड़े हो जाओ।मुझसे गलतियां हो सकती है पर तू ही तो चलना सिखाएगा,तू ही तो उठना-बैठना,आगे बढ़ना सिखाएगा,मेरा इस दुनिया में तुझसे ज्यादा प्यारा,तुझसे ज्यादा सगा और कौन है?मैं जब कभी जाने-अनजाने में उबड़-खाबड़ रास्ते पर गिरने लगता हूँ तब तू ही तो मुझे हाथ पकड़कर सम्भाल लेता है,हें मेरे प्रभु तूने मेरे जीवन के पग-पग पर बड़ी कृपायें की है आपकी बड़ी कृपा है मेरे प्रभु!तुम ही तो हमें हर संकट से उबार लेते है।मन का गुबार निकल जाने से चेहरे पर प्रसन्नता व् मुस्कुराहट के फूल खिल जाते है।इसलिए दुःख का रोना छोड़कर हर हाल में सुखी रहने की आदत बनानी चाहिए और उसका शुक्र और धन्यवाद करते रहना चाहिए।सादर हरि ॐ जी!!!जय गुरुदेव!!!


वाणी की



परम पूज्य सुधांशुजी महाराज 

आप को आशीर्वाद देते हुए 


वाणी की मधुरता मित्रता बढ़ाती है और वाणी की कठोरता के कारण व्यक्ति अपनों से भी दूर हो जाता है।

Wednesday, January 13, 2016

जब आपको

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जब आपको किसी चीज़ में रुची होती है और आदत पड़ जाती है तो उसकी फिर भूक लगने लगती है !

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज 

आप को आशीर्वाद देते हुए 


Tuesday, January 12, 2016

आप क्या बोलते



आप क्या बोलते हैं, बच्चा वो नहीं सीखता। आप क्या करते हैं और क्या घर का माहौल है, बच्चा वह सीखता है।


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

आप को आशीर्वाद देते हुए 

Monday, January 11, 2016

Tuesday, January 5, 2016

जब भी बोलो

जब भी बोलो यह सोचो कि यह आखिरी वचन है, इसलिए सदैव मीठा बोलो।


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

जीवन में पुरुषार्थ

जिज्ञासु : गुरुदेव ! जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध को ,अथवा इन दौनो से बढ़कर भी कुछ और हे ?

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Monday, January 4, 2016

दुःख को

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दुःख को ओढो मत उसको लाँघ कर आगे बढ़ जाओ !

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

Sunday, January 3, 2016

किसी कार्य

किसी कार्य को करने से पहले अगर योजना ठीक से बनायी गयी है तो सफ़लता अवश्य मिलती है।

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज