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Friday, January 15, 2016

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---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2016-01-14 8:55 GMT+05:30
Subject:
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>


प्रार्थना भाव!
गुरुदेव कहते है कि इस दुनिया में जो भी कार्य आप करे परमपिता परमात्मा को  याद रख कर करें,उनका सिमरन-स्मरण करते हुए हर कार्य में ईश्वर की कृपा मांगे और कार्य होने पर उसका आभार व्यक्त करे उसका शुक्र करे!और नया कार्य करने पर प्रभु से प्रार्थना करे।हे मेरे ईश्वर आपकी प्रेरणा से मैं यह काम करने लगा हूँ आप भी आओ,मेरे साथ खड़े हो जाओ।मुझसे गलतियां हो सकती है पर तू ही तो चलना सिखाएगा,तू ही तो उठना-बैठना,आगे बढ़ना सिखाएगा,मेरा इस दुनिया में तुझसे ज्यादा प्यारा,तुझसे ज्यादा सगा और कौन है?मैं जब कभी जाने-अनजाने में उबड़-खाबड़ रास्ते पर गिरने लगता हूँ तब तू ही तो मुझे हाथ पकड़कर सम्भाल लेता है,हें मेरे प्रभु तूने मेरे जीवन के पग-पग पर बड़ी कृपायें की है आपकी बड़ी कृपा है मेरे प्रभु!तुम ही तो हमें हर संकट से उबार लेते है।मन का गुबार निकल जाने से चेहरे पर प्रसन्नता व् मुस्कुराहट के फूल खिल जाते है।इसलिए दुःख का रोना छोड़कर हर हाल में सुखी रहने की आदत बनानी चाहिए और उसका शुक्र और धन्यवाद करते रहना चाहिए।सादर हरि ॐ जी!!!जय गुरुदेव!!!


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