हे घट-घट के वासी प्रभु!!हम सब आपके पुत्र-पुत्रियाँ आपके श्रीचरणों में श्रद्धावनत होकर प्रणाम करते हैं..आपकी कृपाओं के लिए,,दयापूर्ण अनुकम्पा के लिए हम ह्रदय से कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं..हे दाता,,दीनदयाल!!हम सब की यही कामना है कि हम आपके अच्छे--सच्चे भक्त कहला सकें,,आपके प्यारे पुत्र-पुत्रियाँ बनकर सदा निष्काम भाव से कर्म करते रहें..हमारा मन,,हमारी बुद्धि,,हमारी आत्मा हमेशा पवित्र बनी रहे,,हमारे अंग-प्रत्यंग सदा सेवा में संलग्न रहें..हमारा ह्रदय सदा विशाल हो और आपकी प्रेममय भक्ति,,करुणा और दया से भरा रहे..हे नारायण!! हमारा इस दुनिया में आना सार्थक हो हम अपने हर दिन को शुभ दिन सिद्ध कर पायें,,हर घडी को शुभ घडी बनायें,ऐसा आशीष हमें प्रदान कीजिये..हमारे द्वारा इस जगत में ऐसे कर्म हों कि यह शरीर छूटने के बाद भी उनकी सुगंध संसार में बनी रहे,,ऐसी प्रेरणा हमें प्रदान कीजिये..हे परम दयालुदेव !! सबके ऊपर आपकी कृपा बरस रही है,हम सब पर भी दया कीजिये,,सबके घर-परिवार सुख--समृद्धि से भरपूर हों,,सभी की मनोकामनाएं पूर्ण हों,,हमारी यह विनती आपके दरबार में स्वीकार हो,,सबका बेडा पार हो.."आचार्य सुधांशु"
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