---------- Forwarded message ----------
From: Maneesh Bagga <maneeshbagga@saimail.com>
Date: 2012/8/29
Subject: [HamareSaiBaba] श्री साईबाबा का ध्यान व स्मरण
To: hamare sai <hamaresaibaba@googlegroups.com>
--
From: Maneesh Bagga <maneeshbagga@saimail.com>
Date: 2012/8/29
Subject: [HamareSaiBaba] श्री साईबाबा का ध्यान व स्मरण
To: hamare sai <hamaresaibaba@googlegroups.com>
आओ, श्री साईबाबा का ध्यान व स्मरण करें और फिर शिरडी चलकर ध्यानपूर्वक मध्याहृ की आरती के पश्चात का कार्यक्रम देखें। जब आरती समाप्त हो गई, तब श्री साईबाबा ने मस्जिद से बाहर आकर एक किनारे खड़े होकर बड़ी करुणा तथा प्रेम के साथ भक्तों को उदी वितरण की। भक्त गण भी उनके समक्ष खड़े होकर उनकी ओर निहारकर चरण छूते और उदी वितरण का आनंद लेते थे। बाबा दोनों हाथों से भक्तों को उदी देते और अपने हाथ से उनके मस्तक प
र उदी का टीका लगाते थे। बाबा के हृदय में भक्तों के प्रति असीम प्रेम था। वे भक्तों को प्रेम से सम्बोधित करते, "ओ भाऊ ! अब जाओ, भोजन करो। बापू ! तू भी जा और भोजन कर।" इसी प्रकार वे प्रत्येक भक्त से सम्भाषण करते और उन्हें घर लौटाया करते थे। आह! क्या दिन थे वे , जो अस्त हुए तो ऐसे कि फिर इस जीवन में कभी न मिलें! यदि तुम कल्पना करो तो अभी भी उस आनन्द का अनुभव कर सकते हो।
(श्री साई सच्चरित्र, अध्याय 20)
Kindly Visit
For Joining Group:
Click this Link Below &
Click this Link Below &
Enter ur mail id
*****************************
MANEESH BAGGA 9910819898.
No comments:
Post a Comment