आज की प्रार्थना 24-5-12
हे सर्वशक्ति मान सच्चिदानंद स्वरूप प्रभु !
जैसे -जैसे आयु बढ़ती जाए ,वैसे-वैसे हमारी उलझनें ,समस्याएं ,चुनोतियाँ और संगर्ष भले ही बढ़ते जाएं ,लेकिन हमारा मन ,हमारी बुद्धि , उलझनों से पार जाने का विवेक कभी कमजोर न पड़े ,ये सदेव बढ़ते रहें !यही प्रार्थना हे स्वीकार करें !
No comments:
Post a Comment