Guruvar Sudhanshu maharaj duaara kahee gayee prarthanay started by mggarga on 22 /9/2007
अपने विस्तार की स्वंय ही कल्पना करो, जिस स्थान पर बैठना चाहते हो उसका नक्शा स्वंय बनाओ।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
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