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Thursday, March 11, 2010

कर्म

कर्म

कर्म और भाग्य दोनो अलग अलग हें और इनका महत्त्व ही ! कर्मठता पर ध्यान दो और आलस्य को त्यागो ! भाग्यवादी मत् बनो परिश्रम करो !
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

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Madan Gopal Garga द्वारा GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL-Good thoughts by SUDHANSHUJI Maharaj के लिए 3/11/2010 05:28:00 AM को पोस्ट किया गया

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