Guruvar Sudhanshu maharaj duaara kahee gayee prarthanay started by mggarga on 22 /9/2007
welcome to Prarthna Blog
please visit upto end of this blog.
AdSense code
Monday, March 14, 2016
Thursday, March 10, 2016
अगर तुम सत्य
Fwd:
From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2016-03-07 12:16 GMT+05:30
Subject:
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
शिव उठत,शिव चलत,
शिव शाम-भोर है !
शिव बुध्दि, शिव चित,
शिव मन विभोर है !!
शिव रात्रि,शिव दिवस,
शिव स्वप्न शयन है !
शिव काल, शिव कला,
शिव मास-अयन है !!
शिव शब्द, शिव अर्थ,
शिव हि परमार्थ है !
शिव कर्म, शिव भाग्य,
शिवहि पुरूषार्थ है !!
शिव स्नेह, शिव राग,
शिवहि अनुराग है !
शिव कली,शिव कुसुम
शिव ही पराग है !!
शिव भोग, शिव त्याग,
शिव तत्व ज्ञान है !
शिव भक्ति, शिव प्रेम,
शिव हि विज्ञान है !!
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष,
शिव परम साध्य है !
शिव जीव, शिव बह्मा,
शिवहि आराध्य है !!
साक्षात् शिव देवाय नमो नमः
ॐ शिवोहम्..........
" हर हर महादेव "
🌸🚆🌸🚆🌸🚆🌸
हमें से जो लोग कावड यात्रा में नहीं जा सकते है ।
उन लोगो के लिए
whats up पर कावड यात्रा शुरू करते है ।
भव्य whats up कावड़ यात्रा ।
बम भोले बोल बम
हर हर महादेव ।
🌸@========@🌸
/ \ / \
*{🚆}* *{🚆}*
भगवान् शिव आपकी हर मनोकामना पूरी करेंगे।
🙏हर हर महादेव🙏
Wednesday, March 9, 2016
मनुष्य की आदत
Monday, March 7, 2016
जैसा चिंतन
बात ऐसी कहो जो अच्छी लगे और आपकी बात भी पूरी हो जाए !
Fwd:
From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2016-03-07 9:52 GMT+05:30
Subject:
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
जानिए आरती के बाद क्यों बोलते हैं कर्पूरगौरं.. मंत्र ?
==========================
किसी भी मंदिर में या हमारे घर में जब भी पूजन कर्म होते हैं तो वहां कुछ मंत्रों का जप अनिवार्य रूप से किया जाता है। सभी देवी-देवताओं के मंत्र अलग-अलग हैं, लेकिन जब भी आरती पूर्ण होती है तो यह मंत्र विशेष रूप से बोला जाता है-
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।
ये है इस मंत्र का अर्थ
===============
इस मंत्र से शिवजी की स्तुति की जाती है। इसका अर्थ इस प्रकार है-
कर्पूरगौरं- कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले।
करुणावतारं- करुणा के जो साक्षात् अवतार हैं।
संसारसारं- समस्त सृष्टि के जो सार हैं।
भुजगेंद्रहारम्- इस शब्द का अर्थ है जो सांप को हार के रूप में धारण करते हैं।
सदा वसतं हृदयाविन्दे भवंभावनी सहितं नमामि- इसका अर्थ है कि जो शिव, पार्वती के साथ सदैव मेरे हृदय में निवास करते हैं, उनको मेरा नमन है।
मंत्र का पूरा अर्थ- जो कर्पूर जैसे गौर वर्ण
वाले हैं, करुणा के अवतार हैं, संसार के सार हैं और भुजंगों का हार धारण करते हैं, वे भगवान शिव माता भवानी सहित मेरे ह्रदय में सदैव निवास करें और उन्हें मेरा नमन है।
यही मंत्र क्यों....?
==========
किसी भी देवी-देवता की आरती के बाद कर्पूरगौरम् करुणावतारं....मंत्र ही क्यों बोला जाता है, इसके पीछे बहुत गहरे अर्थ छिपे हुए हैं। भगवान शिव की ये स्तुति शिव-पार्वती विवाह के समय विष्णु द्वारा गाई हुई मानी गई है। अमूमन ये माना जाता है कि शिव शमशान वासी हैं, उनका स्वरुप बहुत भयंकर और अघोरी वाला है। लेकिन, ये स्तुति बताती है कि उनका स्वरुप बहुत दिव्य है। शिव को सृष्टि का अधिपति माना गया है, वे मृत्युलोक के देवता हैं, उन्हें पशुपतिनाथ भी कहा जाता है, पशुपति का अर्थ है संसार के जितने भी जीव हैं (मनुष्य सहित) उन सब का अधिपति। ये स्तुति इसी कारण से गाई जाती है कि जो इस समस्त संसार का अधिपति है, वो हमारे मन में वास करे। शिव श्मशान वासी हैं, जो मृत्यु के भय को दूर करते हैं। हमारे मन में शिव वास करें, मृत्यु का भय दूर हो।
Fwd:
From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2016-03-07 10:04 GMT+05:30
Subject:
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
. 🍃 ॐ नम: सिवाय🍃
🌷**•🍃•*´`*•¸🍃¸•*´`*•.🌷
,-"""-,
! == !
! @ !🍃🍃
🍃 ('''"""""""""")===
🍃🍃 '>------<''''''''"🍃🍃
🌷**•🍃•*´`*•¸🍃¸•*´`*•.🌷
🙏 हर हर महादेव हर 🙏
🌷**•🍃•*´`*•¸🍃¸•*´`*•.🌷
ॐॐॐजयशिवशंकरॐॐॐ
🌷**•🍃•*´`*•¸🍃¸•*´`*•.🌷
ॐॐनमःपावॅतीपतेयनमःॐॐ
🌷**•🍃•*´`*•¸🍃¸•*´`*•.🌷
🍃 ॐ नम: सिवाय🍃
ॐॐॐॐ ॐॐॐॐ ॐॐॐy
🍃 ॐ नम: सिवाय🍃
🍃🍂🍁🍃🍁🍃🍁🍂🍃
🙏જય જય શીવ શંભુ દાતાર🙏
🙏 Har Har mahadev. 🙏s t
भगवान शिव के 108 नाम ----
१- ॐ भोलेनाथ नमः
२-ॐ कैलाश पति नमः
३-ॐ भूतनाथ नमः
४-ॐ नंदराज नमः
५-ॐ नन्दी की सवारी नमः
६-ॐ ज्योतिलिंग नमः
७-ॐ महाकाल नमः
८-ॐ रुद्रनाथ नमः
९-ॐ भीमशंकर नमः
१०-ॐ नटराज नमः
११-ॐ प्रलेयन्कार नमः
१२-ॐ चंद्रमोली नमः
१३-ॐ डमरूधारी नमः
१४-ॐ चंद्रधारी नमः
१५-ॐ मलिकार्जुन नमः
१६-ॐ भीमेश्वर नमः
१७-ॐ विषधारी नमः
१८-ॐ बम भोले नमः
१९-ॐ ओंकार स्वामी नमः
२०-ॐ ओंकारेश्वर नमः
२१-ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
२२-ॐ विश्वनाथ नमः
२३-ॐ अनादिदेव नमः
२४-ॐ उमापति नमः
२५-ॐ गोरापति नमः
२६-ॐ गणपिता नमः
२७-ॐ भोले बाबा नमः
२८-ॐ शिवजी नमः
२९-ॐ शम्भु नमः
३०-ॐ नीलकंठ नमः
३१-ॐ महाकालेश्वर नमः
३२-ॐ त्रिपुरारी नमः
३३-ॐ त्रिलोकनाथ नमः
३४-ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
३५-ॐ बर्फानी बाबा नमः
३६-ॐ जगतपिता नमः
३७-ॐ मृत्युन्जन नमः
३८-ॐ नागधारी नमः
३९- ॐ रामेश्वर नमः
४०-ॐ लंकेश्वर नमः
४१-ॐ अमरनाथ नमः
४२-ॐ केदारनाथ नमः
४३-ॐ मंगलेश्वर नमः
४४-ॐ अर्धनारीश्वर नमः
४५-ॐ नागार्जुन नमः
४६-ॐ जटाधारी नमः
४७-ॐ नीलेश्वर नमः
४८-ॐ गलसर्पमाला नमः
४९- ॐ दीनानाथ नमः
५०-ॐ सोमनाथ नमः
५१-ॐ जोगी नमः
५२-ॐ भंडारी बाबा नमः
५३-ॐ बमलेहरी नमः
५४-ॐ गोरीशंकर नमः
५५-ॐ शिवाकांत नमः
५६-ॐ महेश्वराए नमः
५७-ॐ महेश नमः
५८-ॐ ओलोकानाथ नमः
५४-ॐ आदिनाथ नमः
६०-ॐ देवदेवेश्वर नमः
६१-ॐ प्राणनाथ नमः
६२-ॐ शिवम् नमः
६३-ॐ महादानी नमः
६४-ॐ शिवदानी नमः
६५-ॐ संकटहारी नमः
६६-ॐ महेश्वर नमः
६७-ॐ रुंडमालाधारी नमः
६८-ॐ जगपालनकर्ता नमः
६९-ॐ पशुपति नमः
७०-ॐ संगमेश्वर नमः
७१-ॐ दक्षेश्वर नमः
७२-ॐ घ्रेनश्वर नमः
७३-ॐ मणिमहेश नमः
७४-ॐ अनादी नमः
७५-ॐ अमर नमः
७६-ॐ आशुतोष महाराज नमः
७७-ॐ विलवकेश्वर नमः
७८-ॐ अचलेश्वर नमः
७९-ॐ अभयंकर नमः
८०-ॐ पातालेश्वर नमः
८१-ॐ धूधेश्वर नमः
८२-ॐ सर्पधारी नमः
८३-ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
८४-ॐ हठ योगी नमः
८५-ॐ विश्लेश्वर नमः
८६- ॐ नागाधिराज नमः
८७- ॐ सर्वेश्वर नमः
८८-ॐ उमाकांत नमः
८९-ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
९०-ॐ त्रिकालदर्शी नमः
९१-ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
९२-ॐ महादेव नमः
९३-ॐ गढ़शंकर नमः
९४-ॐ मुक्तेश्वर नमः
९५-ॐ नटेषर नमः
९६-ॐ गिरजापति नमः
९७- ॐ भद्रेश्वर नमः
९८-ॐ त्रिपुनाशक नमः
९९-ॐ निर्जेश्वर नमः
१०० -ॐ किरातेश्वर नमः
१०१-ॐ जागेश्वर नमः
१०२-ॐ अबधूतपति नमः
१०३ -ॐ भीलपति नमः
१०४-ॐ जितनाथ नमः
१०५-ॐ वृषेश्वर नमः
१०६-ॐ भूतेश्वर नमः
१०७-ॐ बैजूनाथ नमः
१०८-ॐ नागेश्वर नमः
यह भगवान के १०८ नाम ज़रूर शुभ समाचार मिलेगा ।