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Saturday, January 8, 2011

जिसके सोने का अपना



[http://ananddhamm.blogspot.com/2011/01/blog-post_9891.html?spref=bl]
ANAND DHAMM Established by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj: अपने नियम: "वह इंसान महान है , जो अपने नियम और मर्यादा में हमेशा खरा उतरता है ! जिसके सोने का अपना नियम , जागनेका अपना नियम ,भोजन का अपना नियम ,काम कर..."

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Posted By Madan Gopal Garga to Anand Dham Mumbai Maharashtra at 1/08/2011 11:01:00 AM

Friday, January 7, 2011

खुशियों हमेशा बूँदों की तरह बरसती हैंन

----- Original Message -----
From: vjm na
To: vjmna
Sent: Thursday, January 06, 2011 7:37 PM
Subject: अमृत वचन

खुशियों हमेशा बूँदों की तरह बरसती हैं, नदियों की तरह नहीं आतीं। बूँदें बारिश में ही बरसती हैं, हर समय नहीं आतीं। ओस तो हर दिन आती है। पर आसमान से आती हुई ओस दिखाई नहीं देती, कुछ क्षणों के लिए ही सही ओस होती है। ऐसे ही खुशियों भी दिखाई नहीं देतीं, लेकिन होती हैं और ओस के बूँदों की तरह होती हैं ।

परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज


Happiness comes into our life like raindrops, not like rivers. Raindrops only come periodically, not all the time. Dew comes every day but one can not see it coming from the sky. Dew stays for a few seconds. Similarly, happiness can not be seen but it does exist and it is like those drops of dew.

Translated by Humble Devotee

Praveen Verma



बृद्धों को चाहिए कि ज्यादा बोलने से बचें

----- Original Message -----
Sent: Friday, January 07, 2011 5:39 AM
Subject: [GURUVANNI Good Thoughts by Pujay SUDHANSHUJI Maharaj] AMRIT VANI Good though...

[http://ammritvanni.blogspot.com/2011/01/blog-post.html?spref=bl]
AMRIT VANI Good thoughts by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj: ज्यादा बोलने से बचें: "बृद्धों को चाहिए कि ज्यादा बोलने से बचें , जितना अधिक आप बोलते हें उतना ही आपकी शक्ति का ह्वास होता हे ! बहुत बोलने से जितना बचोगे उतनी ही..."

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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI Good Thoughts by Pujay SUDHANSHUJI Maharaj at 1/07/2011 05:39:00 AM

Thursday, January 6, 2011

जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध को

----- Original Message -----
Sent: Thursday, January 06, 2011 10:51 AM
Subject: [jigyasa aur samadhan] जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध को



जिज्ञासु : गुरुदेव ! जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध को ,अथवा इन दौनो से बढ़कर भी कुछ और हे ?

गरिमा कुमारी ,, गुडगाव (हरियाणा )

पूज्य गुरुदेव :-मनुष्य को यह समझ लेना चाहिए कि पुरुषार्थ और प्रारब्ध से ऊपर एक और चीज हे जिसका नाम प्रार्थना हे ! भाग्य जो दे उसमें सन्तुष्ट रहना ! पुरुषार्थ तो आपको करना हे ! उसमें कभी सन्तोष नहीं करना ! पुरुषार्थ अधिक नहीं किया जा सकता , लेकिन प्रार्थना तो जितनी हो जाये उतनी कम हे ! भजन जितना भी किया जा सके उतना अच्छा ,लेकिन भजन में बाधक हे अविश्वास ,अनिश्चय और कुतर्की परम्पर! इसमें गहरी श्रद्धा ही शक्ति हे ! कुतर्क करना,आलोचना को स्थान देना ,निन्दा में मन को लगाना-ये शक्तियां एसी हें ,जो आपकी प्रार्थना को आपकी भक्ति के रस को छन ले जाती हें ! उनसे बचें और प्रार्थना को महत्व दें ! प्रार्थना से जब परमात्मा की कृपा होने लगती हे तो व्यक्ति वह प्राप्त करता हे जो भाग्य और पुरुषार्थ दौनों से ऊपर हे !


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Posted By Madan Gopal Garga to jigyasa aur samadhan at 1/06/2011 10:47:00 AM

जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध को

----- Original Message -----
Sent: Thursday, January 06, 2011 10:54 AM
Subject: [GURUVANNI Good Thoughts by Pujay SUDHANSHUJI Maharaj] jigyasa aur samadhan: ...

[http://jiggyaasa.blogspot.com/2011/01/blog-post_06.html?spref=bl]
jigyasa aur samadhan: जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध को: "जिज्ञासु : गुरुदेव ! जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध को ,अथवा इन दौनो से बढ़कर भी कुछ और हे ? गरिमा कुमारी ,, गुडगाव (हरिया..."

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI Good Thoughts by Pujay SUDHANSHUJI Maharaj at 1/06/2011 10:54:00 AM

बहुत शुभकामनाएं ,आशीर्वाद

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प्रिय आत्मन
हम सब परमपिता की असीम अनुकम्पा से नूतन वर्ष मैं प्रवेश कर रहे हे !इस शुभ अवसर पर मैं आप सबको बहुत - बहुत शुभकामनाएं ,आशीर्वाद देता हूँ !नववर्ष २०११ आप सबके लिए मंगलमय हों ,सबकी झोलियाँ प्रेम ,सुख तथा शान्ति से परिपूर्ण हों ,सब के घर -आँगन खुशियों से महकते रहें ,सबके जीवन मैं सदज्ञान का नवप्रभात होवे !
जीवन संचेतना जनवरी २०११

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Posted By Madan Gopal Garga to ANANDDHAM.ORG established by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj at 1/06/2011 05:58:00 AM

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Posted By Madan Gopal Garga to ANAND DHAMM Established by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj at 1/06/2011 06:10:00 AM