।।ॐ गुरवे नमः।।🙏🏻🌹🙏🏻
हरि ओम जी🙏🏻😊
🚩 *शारदीय नवरात्र की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं* 😃🙏🏻🌹🙏🏻
आज के (26/09/22) दिशा सत्संग का सारांश:
🚩 *साधना जंगल में नहीं, दुनिया में परखी जाती है।* दुनिया आपको भड़काए, ललचाए, गुस्सा दिलाए- लेकिन आप ना बदले, *आपका उत्साह कम ना हो, माला टूटे नहीं तो आपकी भक्ति सफल है।*
🚩 *दत्तात्रेय महाराज* कहते हैं- *माया के प्रभाव से ऊपर उठें ,उद्वेग से बचे रहे -अपने अंदर की शांति बचाए।*
🚩 *यमराज का दूसरा नाम क्रोध है, यह आपका राक्षसी रूप है- इससे बचे।*
🚩 *क्रोध में दग्ध व्यक्ति का आकर्षण खत्म होगा* जैसे वृक्ष की हरियाली जाए- तो छाया भी नहीं और पशु पक्षी भी वृक्षों से दूर भागते हैं।
ऐसे ही *क्रोधी व्यक्ति अकेला रहता है।*
🚩 *दत्तात्रेय महाराज* कहते हैं- *साधना मार्ग पर चलने के लिए सात्विक भोजन करें ,जितेंद्रीय बने, और समझदार बने के मन ध्यान में लगे।* अपनी बुद्धि से इंद्रियों को संभालना है।
🚩 *सिद्धि मिले तो विभूतियां- ऐश्वर्य पीछे आते हैं। यह भक्ति के फल फूल है। सुरक्षा करने वाली शक्ति आप के आस पास रहती है।* दु:ख -दुर्भाग्य की बारिश में यह कृपा छत्री आपके साथ होती है।
🚩 *दत्तात्रेय महाराज दुनिया से भागते हुए जंगल में बड़े पहाड़ पर जाकर साधना करने लगे।* वहां धुनी जलाएं ,टिक्कड़ बनाएं और खाए।
लेकिन साधना के अद्भुत प्रभाव से जहां रोशनी दिखाई दे, उस दिशा में की गयी प्रार्थना सफल होती गयी और लोगों का रेला पहाड पर पहुंचा।
🚩 दत्तात्रेय महाराज के पीछे लक्ष्मीजी भाग रही थी- *महाराज ने अपने ह्रदय में नारायण को बसाया था इसलिए लक्ष्मी को पीछे आना ही पड़ा।*
हरि ओम जी🙏🏻😊
आप का हर पल मंगलमय हो, सब सुखी निरोग रहे।
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