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Monday, January 25, 2021

WhatsApp Chat with MG 6 PRARTHNA

8/27/17, 5:34 AM - Messages and calls are end-to-end encrypted. No one outside of this chat, not even WhatsApp, can read or listen to them. Tap to learn more.
8/27/17, 7:11 AM - MG Garga: हे सद्चित आनन्द स्वरुप सादर हरि ॐ जी!
प्रार्थना!
आपका ऐश्वर्य है कण-कण में!
हे सच्चिदानंद!हे जीवन के आधार परमपिता परमात्मा!हे आनन्ददाता!मेरे सत्गुरुदेव!आप आनंद के भंडार है!हे प्यारे प्रभु! आपको बारम्बार प्रणाम है!हे सर्वरक्षक!सबका कल्याण करने वाले!संसार की विषमताओं के बीच बहके हुए हमारे कदमों को संभालने वाले आप ही है!द्वंद्वों और दुखों में धैर्य प्रदान करने वाले भी आप ही है! हमारे हृदय में धड़कने वाले भी आप ही है! हे प्रभु!संसार के कण-कण में,हमारे रोम-रोम में आप ही विराजित हैं!
हे सर्वशक्तिमान!हे मेरे सदगुरु!हे शिव शंकर!आपकी भक्ति से ही हमें शक्ति मिलती है और आपके ध्यान से ही हमारा मन और हमारी आत्मा बलवान होती है! दुनिया में यदि कोई दयावान है तो वह आपकी ही दया से है! रूपवान का रूप भी आप ही है,धनवान का धन भी आप ही है!आप अनंत है और आपकी कृपाएं भी अनंत है!
हे दयालु देव!हे शिव!हमारी सम्पूर्ण ऊर्जा के स्त्रोत आप ही है! आपकी ऊर्जा से हम सदैव उन्नत हो!उमंग,उल्लास और खुशियों से भरपूर हमारा संबंध हो!आपके आशीर्वाद के सहारे कल्याण के पथ पर अग्रसर हो!आप हमारे अंग-संग है,ऐसी अनुभूति हमारे मन में सदैव बनी रहे!
यही प्रार्थना,याचना और कामना है,इसे स्वीकार कीजिये मेरे प्रभु!जय गुरुदेव!!!ॐ गुरुवै: नमः!!!
8/27/17, 7:12 AM - MG Garga: 🙏🏻हे सद्चित आनंदस्वरूप सादर हरि ॐ जी!
हे!गणेशजी इस बार ऐसी कृपा करना की..
सबके सुख आपके पेट की तरह बड़े हो और सबके दुख आपके मूषक से भी छोटे हो।
सबकी ज़िन्दगी आपके सूंड जैसे लंबी हो और सबके बोल आपके मोदक जैसे मीठे हो।जय गुरुदेव!ॐ गुरुवै: नमः!
8/27/17, 7:24 AM - MG Garga: प्रार्थना!
सात्विक संपत्ति से सम्पन्न हो सबका जीवन!
हे पतितपावन परमदेव परमात्मा!हे रघुनंदन,रघुनाथ!हमारा श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्री चरणों में स्वीकार हो!हे प्रभु!हम अनुशासन और मर्यादा को अपनाकर मानव जीवन को गौरवान्वित करें!
हे दीनवत्सल,दीनबन्धु,दीनानाथ प्रभु!हमारे अंदर सात्विक वृत्तियाँ जागृत हो!क्षमाशीलता,सरलता,स्थिरता,निर्भयता,अहंकार शून्यता आदि शुभ भावनाएं हमारी सम्पत्ति हो!हमारा हृदय दया तथा सहानुभूति से भरा रहे!हमारी वाणी में मिठास हो,दृष्टि में प्यार हो!हमारा व्यक्तित्व महान और विशाल हो!
हे प्राणों के प्राण,हे मेरे प्रभु!आपका वरदहस्त हमारे ऊपर सदैव बना रहे,जिससे हमारा जीवन हमेशा आपके चरणारविंदो में समर्पित रहे!हे कृपासिंधु!हमे अपनी सेवा का अवसर प्रदान कर कृतार्थ करें!यही प्रार्थना है प्रभु,इसे स्वीकार करो!सादर हरि ॐ जी!जय गुरुदेव!
8/27/17, 7:25 AM - MG Garga: प्रार्थना!
हमारा मन सदा धर्म का दास बने!
हे सच्चिदानंदस्वरूप!हे शुद्ध, बुद्ध, मुक्तस्वभाव,मेरे प्यारे प्रभु!अनेक रंगों से सजे इस संसार में हम शुभ विचारों को ग्रहण करने वाले बनें,हमारा आचरण उत्तम हो,सदेव धर्म को गुरुवाणी को सेवा,सिमरन,सत्संग और स्वाध्याय को जीवन का आधार बनाये,हमारा यह मन सदेव धर्म का दास बना रहे!अपने कर्तव्यों को पूर्ण ईमानदारी से निभायें!इन्ही मंगल भावनाओं सहित हमारा श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो!ॐ शान्ति!शान्ति!शान्ति!ॐ!जय गुरुदेव!सादर हरि ॐ जी!
8/27/17, 7:26 AM - MG Garga: प्रार्थना!
सबकी झोलियाँ भरो भगवान!
हे सच्चिदानंद स्वरुप,हे सर्वाधार सर्वेश्वर,सर्वव्यापक,सर्व अंतर्यामी!हे अजर,अमर,अभय,नित्य-पवित्र,शुद्ध-बुद्ध,मुक्त स्वभाव!इस संसार में सर्वत्र आपकी महिमा,आपकी व्यवस्था और आपके नियम काम करते है!आपकी व्यवस्था का और आपके नियमों का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति कष्ट और दुःख का भागी बनता है!
हे प्रभु!हमें शक्ति दो कि हम आपके नियमों को समझे,आपकी सृष्टि को समझे,और इस संसार में हम उन महान कार्यों को कर सके,जिनको करने के लिये हम इस दुनिया में आये है!हमारी स्वयं की अपनी पहचान हो,हम अपने जीवन से संतुष्ट हो!हम अपने शारीर से, मन से,बुद्धि और आत्मा से बलवान हो!
हमारा विवेक सदैव काम करता रहे,सामर्थ्य शक्ति सदा साथ देती रहे!इस दुनिया में हम सहयोग और सेवा करते रहे लेकिन किसी से सहयोग की कामना न रखे!हे नाथ आप सबकी झोलियां भरी रहे,हम से जुड़े हर प्राणी मात्र के यहाँ सुख-शांति प्रदान करो!ये ही आपके समक्ष आपके चरणों में विनती है इसे स्वीकार करे!ॐ शांति!शांति!शांति ॐ!सादर हरि ॐ जी!जय गुरुदेव!
8/27/17, 7:28 AM - MG Garga: प्रार्थना!
ॐ साम्ब सदा शिवाय: नमः!
हे देवो के देव महादेव!
हे देवाधिदेवमहादेव!हे सच्चिदानन्द!काल आपके अधीन है!आप काल से मुक्त है!जिसे मृत्यु जीतनी है!उसे तो आपमें स्थित होना चाहिए!आपका मन्त्र महामृत्युन्जय है!हे शंकर !हे शिव!आप त्र्यम्बक अर्थात तीन नेत्रो वाले है! सत्यम,शिवम् ,सुंदरम आपके तीन नेत्र है। आप ज्ञान,कर्म,और भक्ति को धारण करते है!भू:,भुवः और स्व: भूमि और धुलोक सब आपमें ही व्याप्त है!जीवन ,मृत्यु, और मुक्ति तीनो ही आपके नेत्र है!आप बालचन्द्र,गंगा और शक्ति तीनों को धारण करते है, आप जग का कल्याण करते है!हम कल्याण मार्ग के पथिक बने,हमें नेक और पवित्र मार्ग दिखाना!आपके व अपने सतगुरु के लाड़ले बच्चें बन सके ऐसी ऊंची सोच व विचार शक्ति देना! ऐसी हमारी विनती है!ॐ नमः शिवाय:!सादर हरि ॐ जी जय गुरुदेव!!!
8/27/17, 7:28 AM - MG Garga: प्रार्थना!
हमारा जीवन गरिमा से युक्त हो!🙏💐
हे परम पावन प्रभु !आपके श्रीचरणों में हम सभी आपको बारंबार प्रणाम करते हैं!हे दाता-दीनदयाल!हम सब पर ऐसी कृपा करना कि हमारे मन में गुरु के प्रति,गुरुमंत्र के प्रति,गुरु की शिक्षाओं के प्रति सदैव लगन लगी रहें!हमारे नियम अटल और अटूट बन जाएं,ऐसी कृपा कीजियें!आपके भक्तों की मंडली में हमें भी स्थान प्राप्त हो जाए!हमारा जीवन गरिमा से युक्त हो जाये!ऐसी कृपा करना की हमारी श्रद्धा की लगन दिन-प्रतिदिन बढ़ती रहे!हम सन्मार्ग पर चलते रहे!यही प्रार्थना है,इसे स्वीकार कीजियें!
🙏सादर हरि ॐ जी!जय गुरुदेव!💐
8/27/17, 7:28 AM - MG Garga: प्रार्थना:!
हे प्यारें देव!मेरी जीवन यात्रा को सफलता का आशीष दो!
हे मेरे प्यारे प्रभु!मेरे प्यारे सतगुरु!मेरी दृष्टि को सदा के लिए आगे की और कर दो!मुझे अतीत से आगे निकाल दो....
मुझे सुपथ की ओर ले चलो....
मुझे सुनहरे भविष्य की और ले चलो.....
मुझे मेरे सतगुरु के बताये मार्ग की और ले चलो।मेरे जीवन यात्रा को सफलता का आशीर्वाद दो! मेरा इस दुनिया में आना सफल हो जाए!मेरे संकल्प पूर्ण हो,मेरा निश्चय मजबूत हो,मुझे दूरदर्शी बना दो!
मैं कभी भी अपने कर्म से जी ना चुराऊ,सदा कर्मठ बन कर रहूँ,सेवा के क्षेत्र में आगे रहूँ!
सबसे सच्चा प्रेम करू और सबसे सच्चा रिश्ता निभा सकूं!सदा आपकी कृपा को अनुभव कर सकूं,मैं अपनी प्रेरणा शक्ति जो मुझ पर सतगुरु कृपा है उससे सदा जुडा रहूँ!शक्ति देना-शक्ति देना मेरे प्रभु!मैं अपनी बात पर अटल व सफल हो सकूं!
ॐ शांतिः-शांतिः-शांतिः ॐ!!!
जय गुरुदेव!!सादर हरि ॐ जी!
8/27/17, 7:28 AM - MG Garga: प्रार्थना!
हे मेरे प्यारें प्रभु!तुम हम सब पर अपना प्रेम मेरे द्वारा प्रकट करो! मुझसे अपना रहस्यमय रिश्ता बना लो!मुझसे संबंध् रखने वालो को हे दयालु प्रभु!मेरे द्वारा तेरा ही स्पर्श महसूस हो!मैं और तुम सदा एक- दूसरे से युक्त रहे,जुडे रहे! हर पल यह महसूस हो कि मैं तुझसे जुड़ा हुआ हूँ!और तुम मुझसे हे प्यारें देव!सदैव मैं आपकी व सतगुरु की भक्ति व शक्ति से जुड़ा रहूँ, आपको अपने अंग-संग महसूस करूँ!मेरी यह प्रार्थना सत्य हो!तुम सत्यम् शिवम् सुंदरम हो!सादर हरि ॐ जी!!! जय गुरुदेव!!!
8/27/17, 7:28 AM - MG Garga: 🙏प्रार्थना!
हम सदैव सुपथ पर चलने वाले बनें!
हे ज्ञानस्वरूप परमेश्वर!हे मेरे सतगुरुदेव!आप हमें सुपथ पर चलने की शक्ति और प्रेरणा प्रदान करे!हे देव!मेरे प्यारे सतगुरु!हमें सुपथ पर लेकर चलिए!अंदर से हमें प्रेरणा दो कि हम सही और गलत का चुनाव कर सकें और फिर उस पर चलने के लिए पूरी तरह से तत्पर हों और सुपथ पर चलते हुए ही ज्ञान,धन और समृधि से भरपूर रहे,अच्छे मार्ग पर चल कर ही धन कमाए मान-सम्मान कमाए!अपने सतगुरु के बताये मार्ग को जीवन में अपनायें!हमें शक्ति दो!सादर हरि ॐ जी"जय गुरुदेव!🙏
8/28/17, 5:44 AM - MG Garga: 🙏हे सद्चित आनन्दस्वरूप सादर हरि ॐ जी!
🌹सुबह उठते ही"सदगुरुदेव महाराज"से नित्य यह प्रार्थना किया करे कि हे गुरुदेव!मैं कितना सौभाग्यशाली हूं कि आपने मुझे जीवन का एक दिन और दिखाया है। इस दिन मैं आपकी पूजा कर सकूं।आपका नाम स्मरण कर सकूं, हर पल आपको याद कर सकूं,आपके द्वारा प्रदत्त मँत्र का जाप करुं व ऐसी मुझे शक्ति दो एवं ऐसी मुझ पर कृपा करो ताकि मेरे इस मानव जीवन का कल्याण हो!हे गुरुदेव हमें ऐसी प्रेरणा देना,हम सदैव दूसरों का मंगल करे और मंगल सोचे!ॐ गुरुवे: नमः!जय गुरुदेव! 🌹🙏
8/28/17, 5:44 AM - MG Garga: हे सद्चित आनन्द स्वरूप सादर हरि ॐ जी!
प्रार्थना करना कभी मत भूले,
प्रार्थना मेँ अपार शक्ति होती है,
रोज़ प्रार्थना किया करो...
ऐ मेरे सतगुरु जी ! तेरे
हर पल का "शुकराना"
हर स्वांस का "शुकराना"
हाथ थामने का "शुकराना"
सिर पर हाथ रखने का
"शुकराना"कि
हर दुख से बचाने का
"शुकराना"
अंग संग रहने का"शुकराना"
अपना बनाने का "शुकराना"
जब समस्या भारी हो और आपकी ताकत उसके लिए काफी न होतो परेशान मत होना
क्योंकि जहाँ हमारी ताकत खत्म होती है, वहां से गुरु की रहमत शुरू होती है।जय गुरुदेव!ॐ गुरुवै: नमः!
.🙏🏻🙏🏻🙏🏻
8/29/17, 6:16 AM - MG Garga: प्रार्थना:-
हे प्रभु सदैव अपनी कृपा दृष्टि रखना:-

हे सर्वशक्तिमान,सच्चिदानन्दस्वरूप! हे शुद्ध-बुद्ध-मुक्त स्वभाव! हम सभी भक्तों का श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो। हे सर्वव्यापक प्रभु! आप सब जानते हो, अतः हमारे लिए जो उचित है, वही देना, जो आपको ठीक लगता हो, उसी पवित्र मार्ग पर हमको लेकर चलना और यह भी कृपा करना कि आपके दिए हुए प्रत्येक उपहार को हम श्रद्धा और प्रेम से स्वीकार कर सकें।

हे प्रभु! हमारा हर दिन नया उजाला, नया उल्लास लेकर आए! हर दिन की हमारी शुरूआत माधुर्य से, रस से, उल्लास से और प्रसन्नता से हो। हर सांझ भी ढलती है तो वह शान्ति लेकर आती है, शीतलता लेकर आती है। हमारा हर दिन जब सांध्य बेला की तरफ बढ़े तो हमारे मन में शान्ति लेकर आए, फिर अगले दिन नए उल्लास से जागें और एक नए जीवन की शुरूआत करें।सादर हरि ॐ जी!जय गुरुदेव!
8/29/17, 11:20 AM - MG Garga: <Media omitted>
8/30/17, 6:50 AM - MG Garga: प्रार्थना:-
हे सतचित आनन्दस्वरूप सादर हरि ॐ जी!
उलझनें दूर हो सबकी!
हे गणपति!हे विनायक!हे लम्बोधर!हे सर्वशक्तिमान सच्चिदानंद स्वरुप प्रभु!हमें हमारी उलझनें दूर करने की शक्ति दो!जैसे-जैसै आयु बढती जाए,वैसे-वैसे हमारी उलझनें,समस्याएँ,चुनौतियां और संघर्ष भले ही बढ़ते जाएं,लेकिन हमारा मन,हमारी बुद्धि,उलझनों से पार जाने का विवेक कभी कमजोर न पड़े,ये सदैव बढ़ते रहें!संघर्षों के बीच मुस्कुराते रहने की शक्ति देना,उलझनों के पार जाने की बुद्धि देना,जीवन के टेढ़े-मेढ़े मार्ग से पार जाने की शक्ति देना!
हे दयालु देव!हम सबके जीवन में शान्ति हो,प्रसन्नता हो,आनंद हो,रस हो,प्रेम हो,बस यही दौलत हम आपसे मांगते है!हमारी आपके चरणों के प्रति श्रद्धा बनी रहे,नाम जपने में रस बना रहे,सेवा करने की निष्ठा बनी रहे!
हे प्रभु!बस यही हमारी विनती है इसे स्वीकार कीजिये।शक्ति देना मेरे प्रभु!शक्ति-शक्ति-शक्ति!ॐ गुरुवे: नमः!जय गुरुदेव!!
8/30/17, 6:51 AM - MG Garga: 🙏हे सद्चित आनन्दस्वरूप सादर हरि ॐ जी!
🌹सुबह उठते ही"सदगुरुदेव महाराज"से नित्य यह प्रार्थना किया करे कि हे गुरुदेव!मैं कितना सौभाग्यशाली हूं कि आपने मुझे जीवन का एक दिन और दिखाया है। इस दिन मैं आपकी पूजा कर सकूं।आपका नाम स्मरण कर सकूं, हर पल आपको याद कर सकूं,आपके द्वारा प्रदत्त मँत्र का जाप करुं व ऐसी मुझे शक्ति दो एवं ऐसी मुझ पर कृपा करो ताकि मेरे इस मानव जीवन का कल्याण हो!हे गुरुदेव हमें ऐसी प्रेरणा देना,हम सदैव दूसरों का मंगल करे और मंगल सोचे!ॐ गुरुवे: नमः!जय गुरुदेव! 🌹🙏
8/31/17, 4:31 PM - MG Garga: नजरें करम करना गुरु जी!
हर मुशिकल आसान करना गुरु जी!
तेरा दामन थामे बैठे है!
ना निराश हमे तुम करना गुरु जी!
विश्वास की डोरी यूँ बंधी रहे!
जैसे दिल से धड़कन जुड़ी रहे!
ना टूटे मेरा हौसला कभी!
ये दुनिया चाहे कुछ भी कहे!
तेरे आगे सर ये झुकाया है!
मैने दिल से तुम्हे पुकारा है!
ना ठुकराना तुम अर्जी मेरी!

गुरुजी आपने ये सवेरा दिखाया इसका शुक्राना। आपने ये सांसे दी जो हर पल आपका नाम जपती हैं इसका शुक्राना। आपने जीने का नया मकसद दिया इसका शुक्राना। मैं कभी किसी का दिल न दुखाऊँ मुझे ऐसी समझ देना। मैं किसी का बुरा ना करूँ ऐसी बुद्धि देना। मैं सभी के काम आ सकूँ ऐसी मेरी शख्सियत करदो। मैं आपकी बक्शी हुई सेवा कर सकूँ ऐसी शक्ति देना। मैं हर पल तेरा शुक्राना करुं मुझे इस लायक बना l
गुनाहों का पूतला हूँ
नादान समझ कर ही तू गुनाहों को , नजर अंदाज कर देना
हम भूलन हार हैं
तुम , बक्शन हार हो
मेरे सिर पर अपनी दया का तू हाथ रख देना 🙏
9/1/17, 6:34 AM - MG Garga: प्रार्थना:-
हे प्रभु सदैव अपनी कृपा दृष्टि रखना:-

हे सर्वशक्तिमान,सच्चिदानन्दस्वरूप! हे शुद्ध-बुद्ध-मुक्त स्वभाव! हम सभी भक्तों का श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो। हे सर्वव्यापक प्रभु! आप सब जानते हो, अतः हमारे लिए जो उचित है, वही देना, जो आपको ठीक लगता हो, उसी पवित्र मार्ग पर हमको लेकर चलना और यह भी कृपा करना कि आपके दिए हुए प्रत्येक उपहार को हम श्रद्धा और प्रेम से स्वीकार कर सकें।

हे प्रभु! हमारा हर दिन नया उजाला, नया उल्लास लेकर आए! हर दिन की हमारी शुरूआत माधुर्य से, रस से, उल्लास से और प्रसन्नता से हो। हर सांझ भी ढलती है तो वह शान्ति लेकर आती है, शीतलता लेकर आती है। हमारा हर दिन जब सांध्य बेला की तरफ बढ़े तो हमारे मन में शान्ति लेकर आए, फिर अगले दिन नए उल्लास से जागें और एक नए जीवन की शुरूआत करें।सादर हरि ॐ जी!जय गुरुदेव!
9/1/17, 11:34 AM - MG Garga: *हे सतचित आनन्द स्वरूप सादर हरि ॐ जी!*

*सतगुरुदेव कहते है:- प्रार्थना करने के लिए आत्म-तत्व की पवित्रता,आत्मभाव एवं श्रद्धा होनी चाहिए!प्रार्थना में यही कामना जुड़ी रहनी चाहिए कि परमात्मा हमें इस योग्य बनाये कि हम उसके सच्चे भक्त एवं पुत्र कहला सकने का गौरव प्राप्त करें!परमेश्वर हमें वह शक्ति प्रदान करे जिसके आधार पर भय और प्रलोभन से मुक्त होकर विवेकसम्मत कर्त्तव्य-पथ पर साहसपूर्वक चल सकें और इस मार्ग में जो भी अवरोध आवें, उनकी उपेक्षा करने में अटल हो सकें!कर्मों के फल अनिवार्य हैं! अपना प्रारब्ध भोग जब उपस्थित हों तो उन्हें धैर्य पूर्वक सह सकने एवं प्रगति के लिए परम पुरुषार्थ करते हुए कभी न निराश होने वाली मनःस्थिति बनाये रह सकें!* *भगवान हमारे मन को ऐसा निर्मल बना दें कि कोई भी अनैतिक कर्म की ओर हमारी प्रवृत्ति उत्पन्न न हो!जीवन की सफलता के लिए गतिशील रहने की हृदय में आत्म-शक्ति बनी रहे ऐसी उच्च स्तरीय प्रार्थना को ही सच्ची प्रार्थना के रूप में माना जा सकता है!जिसमें धन, सन्तान, स्वास्थ्य, सफलता आदि की याचना की गई हो और जिसमें अपने पुरुषार्थ कर्त्तव्य के अभिवर्धन का स्मरण न हो ऐसी प्रार्थना को याचना मात्र कहा जायेगा!अतः ऐसी याचनाओं का सफल होना प्रायः संदिग्ध ही रहता है!हम भगवान से उलझनों को सहन करने की शक्ति मांगे,आये परेशानी का सामना कैसे करे इसके लिये बल एवं बुद्धि मांगे!एक अच्छा भक्त तो इसी की मांग करता है!*
*सादर हरि 🚩ॐ जी!ॐ गुरुवै: नमः!*🍁 *जय गुरुदेव!* 🍁
9/1/17, 6:07 PM - MG Garga: ❤❣ *हे परमात्मा*❣❤
*अगर आप का कुछ तोड़ने का मन करे,*
*तो मेरा ग़रूर तोड़ देना*
*अगर आप का कुछ जलाने का मन करे, तो मेरा क्रोध जला देना..*
*अगर आप का कुछ बुझाने का मन करे, तो मेरी घृणा बुझा देना..*
*अगर आप का मारने का मन करे, तो मेरी इच्छा को मार देना..*
*अगर आप का प्यार करने का मन करे, तो मेरी ओर देख लेना.*
*"मैं शब्द, तुम अर्थ, तुम बिन मैं व्यर्थ"*
🙏❤ *JAI GURU JI* ❤🙏
9/6/17, 2:47 PM - MG Garga: <Media omitted>
9/9/17, 12:44 PM - MG Garga: ॐ गुरुवै: नमः!
प्रार्थना!
हे प्यारे प्रभु हम अपनी श्रेष्ठता को प्राप्त कर सके!
हे दयालु! हे कृपालु! हे परमेश्वर! हे ज्योतिर्मय! हे ज्ञानस्वरूप!चरण-शरण में उपस्थित होकर हम आपके बच्चे आपसे प्रार्थना करते हैं!हमारा यह जीवन आपका दिया हुआ एक वरदान है!श्रेष्ठ से श्रेष्ठ कर्म करने के लिए और जिंदगी की श्रेष्ठता को प्रकट करने के लिए इस संसार के कर्मक्षेत्र में हम लोग आए हैं!हमारी बुद्धि अपनी श्रेष्टता को उपलब्ध हो! हमारे ह्रदय का प्रेम श्रेष्ठता तक पहुंचे!हमारे कर्म श्रेष्ठता से युक्त हों। हमारी आत्मा ऊंचाई को, महानता को विशेषता को प्राप्त हो सके! हम अपने अंदर के श्रेष्ठ तत्वों को बाहर निकाल सकें!जो कुछ दुनिया में करने के लिए जो क्षमताएं भगवान जी आपने हम को दी उन सभी क्षमताओं के सामर्थ्य का हम पूर्ण प्रयोग कर सकें!इस जीवन का पूर्ण लाभ ले सकें हमें वो अवसर दीजिए, प्रेरणा और शक्ति दीजिए। हम अपने विकास तक पहुंचे,ऊंचाई तक पहुंचे! हम संसार की उलझनों में, दुखों में उलझ कर न रह जाएं!उनके पार जाएं,अपना उद्धार करें और जो पिछड़ गए हैं उनका भी हाथ पकड़ कर आगे लेकर जा सकें!हे प्यारे प्रभु इतनी कृपा जरूर करना कि हम अपने सतगुरु के बताये मार्ग पर चल सके!हमें आशीर्वाद दें!अपनी भक्ति, अपनी कृपा, अपने आशीर्वाद हमें प्रदान करें!यही विनती है प्रभु!
ऊँ शान्तिः! शान्तिः!! शान्तिः!!!ॐ!सादर हरि ॐ जी!जय गुरुदेव!
9/17/17, 10:22 AM - MG Garga: 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

🔔   *अतिसुन्दर प्रार्थना*  🔔

          सुकून उतना ही देना,
  प्रभु जितने से जिंदगी चल जाए,
     औकात बस इतनी देना, कि,
        औरों  का भला हो जाए,
    रिश्तो में गहराई इतनी हो, कि,
          प्यार से निभ जाए,
    आँखों में शर्म इतनी देना, कि,
       बुजुर्गों का मान रख पायें,
     साँसे पिंजर में इतनी हों, कि,
        बस नेक काम कर जाएँ,
          बाकी उम्र ले लेना, कि,
      औरों पर बोझ न बन जाए
🐚☀🐚
🐾स्नेह वंदन
🍁*आपका दिन मंगलमय हो 🍁

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
9/19/17, 6:36 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना!* 🌹
हे दीनानाथ हम सुपथ पर चले!
हे चन्द्र शेखर! हे जगदीश्वर! हे पतितपावन! हे कण-कण में रमने वाले परम अराध्यदेव! श्रद्धाभाव से विनत होकर हम आपकी प्रार्थना करते है! इस असार संसार में सार तत्व तो आपका नाम ही है! वही नाम हमारी वाणी में बसें, हमारे ह्रदय में उतरे और हमारे कर्म तथा व्यवहार के माध्यम से हमारे कृत्यों में प्रकट हो! हम जहाँ भी देखें, आपकी महिमा से आनंदित हो,उस आनंद को जीवन मे ढाले!
हे सत्यम,शिव,सुन्दरम प्यारे शंकर! आपका प्रेम सारे संसार में उदारता के रूप में,नदियों के प्रवाह के रूप में व हवा के रूप में हमें निरंतर जीवन देता है! हे आशुतोष! हम उस प्रेम को अवश्य धारण करें जो हमारी जीवनी शक्ति को बढ़ाये! हम किसी की जिंदगी ले नही बल्कि सभी को जिन्दगी देने वाले बनें!
हे करुणा सागर! दिनों-दिन हमारी उन्नति हो, प्रगति हो! हमारा मन पवित्र व स्वच्छ होकर सदैव आपके चरणों में समर्पित रहे! हम संसार की परिक्रमा न करके आपकी परिक्रमा करते रहे! हमारा प्रत्येक क्षण शुभ हो, हर दिन मंगलमय हो!
हे ज्ञानस्वरूप परमेश्वर! हे मेरे सतगुरुदेव! आप हमें सुपथ पर चलने की शक्ति और प्रेरणा प्रदान करे! हे देव! मेरे प्यारे सतगुरु! हमें सुपथ पर लेकर चलिए! अंदर से हमें प्रेरणा दो कि हम सही और गलत का चुनाव कर सकें और फिर उस पर चलने के लिए पूरी तरह से तत्पर हों और सुपथ पर चलते हुए ही ज्ञान, धन और समृधि से भरपूर रहे, अच्छे मार्ग पर चल कर ही धन कमाए मान-सम्मान कमाए! अपने सतगुरु के बताये मार्ग को जीवन में अपनायें! हमें शक्ति दो!
ॐ शांतिः!शांतिः!शांतिः!
9/19/17, 2:24 PM - MG Garga: *प्रार्थना*
प्रेम की डोर से बंधे रहे हम!
हे मेरे प्यारे प्रभु! हे दयाओं के अनंत-2 सागर! आप पल-प्रतिपल हम सब प्राणियों पर कृपा-वृष्टि कर रहे है।आप प्रेमपूर्ण होकर ही सृष्टि का निर्माण करते है और सृष्टि का संहार भी आपके प्रेमपूर्ण हाथो से ही होता है।प्राणिमात्र के प्रति प्रेम से ओत-प्रोत होकर आप सृष्टि के नियमों की रचना करते है।जो प्राणी आपके नियमों के अनुकूल आचरण करता है उसकी झोली सुख और आनंद से सदा भरी रहती है। हे जगत के नियंता! हे जगदीश्वर! हम आपके कल्याणमय तेज स्वरुप का ध्यान धरते है और याचना करते है कि हमे ऐसी मानसिक सामर्थ्य प्रदान करें कि हम हमेशा आपके ही नियमों पर चलते रहें।आलस्य व् प्रमाद हम पर कभी हावी न हो।आपके कल्याणमय चरणों पर हमारी दृष्टि सदा लगी रहे।संसार के नियमों का पालन करते हुए हम आपकी प्रेम की डोर से हमेशा बंधे रहे! प्राणी मात्र से प्रेम कर सके ऐसी करुणा देना! हे मेरे प्यारे प्रभु! हमे दुःखो से, कष्टों से मुक्त करें किन्तु अपने प्रेम बंधन से हमे अलग न होने दे।यही हमारी प्रार्थना है! स्वीकार करना हे प्यारे प्रभु!...
9/22/17, 12:12 PM - MG Garga: *जय माता की!*
🍁"रिद्धि दे, सिद्धि दे,
वंश में वृद्धि दे,
ह्रदय में ज्ञान दे,
चित्त में ध्यान दे,
अभय वरदान दे,
दुःख को दूर कर,
सुख भरपूर कर,
आशा को संपूर्ण कर,
सज्जन जो हित दे,
कुटुंब में प्रीत दे,
जग में जीत दे,
माया दे,साया दे,
और निरोगी काया दे,
मान-सम्मान दे,
सुख समृद्धि और ज्ञान दे,
शान्ति दे, शक्ति दे, भक्ति भरपूर दें..."🍁
इन नवरात्रों में माँ दुर्गा आपकी समस्त मनोकामनायें पूरी करें,माँ नैना आपको नैनों को ज्योति दे ,माँ चिंतपूर्णी आपकी चिंता हरे ,माँ काली आपके शत्रुओं का नाश करे,माँ मनसा आपकी हर मनोकामना पूरी करे,माँ शेरों वाली आपके परिवार को सुख शान्ति दे,माँ ज्वाला आपके जीवन में रौशनी दे,माँ लक्ष्मी आपको धन से मालामाल करे! जय माता की!
दूसरे नवरात्रे माता ब्रह्मचारिणी के दिवस पर आपको सपरिवार बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।सादर हरि ॐ जी!जय गुरुदेव!जय माता की!🙏🏼
9/23/17, 6:05 AM - MG Garga: 🍁"रिद्धि दे, सिद्धि दे,
वंश में वृद्धि दे, ह्रदय में ज्ञान दे,
चित्त में ध्यान दे, अभय वरदान दे,
दुःख को दूर कर, सुख भरपूर कर, आशा को संपूर्ण कर,
सज्जन जो हित दे, कुटुंब में प्रीत दे,
जग में जीत दे, माया दे, साया दे, और निरोगी काया दे,
मान-सम्मान दे, सुख समृद्धि और ज्ञान दे,
शान्ति दे, शक्ति दे, भक्ति भरपूर दें..."
🍁👏🏼जय माता दी👏🏼🍁
आप और आपके परिवार को नवरात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं🌹🌹
9/23/17, 6:05 AM - MG Garga: सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते.
╔══════════════════╗
║ •||जय माता दी||• ║
╚══════════════════╝
सुख, शान्ति एवम समृध्दि की
मंगलमयी
कामनाओं के साथ
आप एवं आप के परिवार जनो को नवरात्री की हार्दिक मंगल कामनायें । माँ अम्बे आपको सुख समृद्धि वैभव ख्याति प्रदान करे। जय माँ भवानी।।
•||नवरात्री||•
की
" हार्दिक " शुभकामनाएं !!!
🙏
9/23/17, 9:13 AM - MG Garga: <Media omitted>
9/23/17, 9:17 AM - MG Garga: प्रार्थना!
हे जगदम्बे आप सबकी झोलियाँ खुशियों से भरिए!
हे सच्चिनन्दस्वरूपा जगदम्बे माँ!हे ज्योता वाली,सबका कल्याण एवं मंगल करने वाली अम्बे माँ!हे नित्य- पवित्र सबकी झोलियाँ भरने वाली माँ!आप संसार के कण-कण में विराजती हो!इस संसार में सर्वत्र,सब स्थानों में,आप सभी प्रकार की व्यवस्थाओं को संभाले हुए है,संसार में समस्त प्रकार के नियमो को प्राणिमात्र के लिए रचते हुए आप सर्वत्र है!अनेक नाम है,हे वैष्णों माँ आपके!आपके भक्त अलग-अलग नामों से आपको पुकारते है,पर आप ऐसी महान शक्ति है जो इसे सारे संसार के घट- घट में समाये हुई है!हे जगदम्बे माँ!आप सबकी झोलियां भरिये, सबके घर-परिवार में सुख-शांति व समृद्धि हो!सबकी मनचाही मुरादें पूरी हो!सब सुखी हो,निरोग हो,आनन्दित हो,यही हमारी आपसे विनती है,इसे स्वीकार करे!ॐ शांति:! शांति:! शांति:!!!सादर हरि ॐ जी।। जय गुरुदेव!
9/27/17, 11:02 AM - MG Garga:  प्रार्थना


हे ज्योतिर्मय! हे शुद्ध-बुद्ध-मुक्त स्वभाव! हमारा प्रणाम स्वीकार हो। हे प्रभु मनुष्य अपनी जीवनयात्रा में आवश्यकताओं, इच्छाओं में बंधा रहता है। जिनके कारण मनुष्य इस संसार में तरह-तरह के कर्म करता है, भटकता है, भ्रमित होता है और दुःख भोगता है। जो इच्छा हमारी उन्नति कराए, हमें आपका प्रेम दे सके, जिससे-हमारे अंदर शांति आ सके, हम अपना और दूसरों का उद्धार कर सकें, उस इच्छा शक्ति को आप हमें प्रदान कीजिए। 

हे प्रभु! आप हमें वह सुबुद्धि प्रदान कीजिए, जिसके प्रकाश में हम उचित निर्ण्य लेकर उत्तम पथ पर अग्रसर हो सकें। 


हे प्रभु! ऐसी सुमति प्रदान कीजिए, कि हम अच्छे-बुरे का भेद कर सकें और सत्कर्म की शक्ति हमारे अंदर बनी रहे।


हे नारायण! आप ऐसी कृपा करें कि जिससे जीवन के अंतिम भाग तक यह शरीर कर्मशील बना रहे, कर्मठ बना रहे, सेवा करता रहे, लेकिन सेवा कराए नहीं। सदैव चेहरे पर मुस्कान, माथे पर शीतलता और वाणी में माधुर्य बना रहे।


हे दाता! इतना धन-समृद्धि प्रदान करना कि ये हाथ कभी दूसरों के आगे फैले नहीं और हमारे कार्य पूर्ण रहें।


हे प्रभु! आंखों में ऐसी प्रेम दृष्टि देना जिससे कि हम द्वेष और घृणा से ऊपर उठकर जी सकें। हम कभी भी वैर के बीज को संसार में फैलाएं नहीं। जहां भी जाएं शांति की सुखद छाया चारों ओर फैला सकें। ऐसा हमें आशीर्वाद प्रदान करें।


आपसे हमारी यही विनती है। इसे स्वीकार करें। 

ऊँ शांतिः। शांतिः।। शांतिः॥।
9/28/17, 6:34 AM - MG Garga: प्रार्थना !

हे प्रभु ! मुझे इस लायक बना के रखना की यह तन और मन जिंदगी में आखिरी समय तक सेवा करने के लायक बना रहे , तू इस योग्य बनाकर रखना की मेरी यह वाणी आखिरी क्षण तक तेरा नाम जप कर सके और तेरी सेवा में लगी रहे, तेरी प्रतिनिधियों के लिए दो अछे शब्द कह सके, हे प्रभु ! मेरे हाथ सहयोग के लिए सदा उठते रहे, मेरे हाथ जीवन के अंतिम समय तक दान देने के लिए उठते रहे. इन पावों में इतनी शक्ति देना की जहाँ पर तेरे नाम की चर्चा होती है वहां चलते रहे, इतना विवश न हो जाऊं की तेरी और कदम न बड़ सके, आँखों में इतनी शक्ति देना की तेरे मंदिर में जाकर तेरे स्वरुप का दर्शन कर सकूँ जिनके साथ बैठने से तेरे संग का रंग लगता है उनकी संगती में बैठ सकूँ, ऐसा आशीर्वाद प्रदान करें ! हे जगत के आधार ! सत्चिदानन्द स्वरुप ! शुद्ध - बुद्ध - मुक्त स्वाभाव ! हे प्रभु ! मै आपको बार बार प्रणाम करता हूँ, अनेक-अनेक, अनन्त-अनन्त, असीम अनुकम्पा के लिए प्रभु आपको नमस्कार करता हूँ, हे प्रभु मेरा प्रणाम स्वीकार कीजिये, मै सदैव आपके शरण में रहूँ, आपकी महिमा, व्यवस्था आपके द्वारा बनाए नियम, आपका कानून और आपका प्रसाद जी भी मुझे मिले, मै हर किसी वस्तु में और आपके दिए गए हर उपहार को श्रद्धापूर्वक स्वीकार करने वाला बनू, बार बार हर वस्तु को आपका प्रसाद मानूं, हर स्थिति को आपकी कृपा मानु, जैसी भी परीक्षा की घडी में रखो उस परीक्षा में आगे निकलने में मै आपका सहारा मांगता रहूँ , अन्दर से विनम्र बनकर आपके सामने सर झुकाता रहूँ, श्रद्धा भाव से मेरा माथा आपके श्रीचरणों में झुकता रहे, मेरा प्रणाम स्वीकार करो प्रभु.

ॐ शांति शांति शांति
जय सद्गुरुदेव !!
सादर हरी ॐ जी !!Kishor jani
9/28/17, 11:01 AM - MG Garga: *हे सतचित आनन्दस्वरूप सादर हरि ॐ जी!*
*हे जगदम्बा माँ!आप सबके सुख की भंडार हो!*
*हे ब्रह्माणी!आपका तेजपुंज का हम ध्यान करते है!आपकी महिमा का बखान करते है!हम प्रार्थना करते है कि हमें ऐसा प्रकाश,ऐसी ज्योति ऐसा ज्ञान दो कि जिससे हम अपने जीवन का लक्ष्य सामने रखकर दुनिया की भीड़ में अपनी पहचान बनाते हुए,अपनी मंजिल तक पहुँच सके!हम शरीर से सबल और स्वस्थ् हो,हमारा मनोबल ऊँचा हो,बुद्धिबल दृढ़ हो,आत्मिक बल इतना हो कि संसार के सामने कभी कमजोर न पड़े!*
*हे जगतजननी वैष्णो माँ!आप सबकी झोलिया भरती हो,हमारी भी कामना है कि दुःख,दरिद्र, दुष्कर्म इन सबसे बचाते हुए,हम सुख,आनंद,सद्गुण अपनाते हुए हम ऐसे सत पात्र बन जाये कि आपके योग्य पुत्र और पुत्रियां कहला सके!सदैव अपने सतगुरु के बताएं मार्ग पर अग्रसर हो सके!सदैव आपकी भक्ति में तल्लीन और निमग्न रहे!हमारी यही विनती है इसे स्वीकार करना!!!* *सादर हरि ॐ जी!!!जयगुरुदेव!!!जय माता दी, जय माता दी, जय माता दी!!!🚩*
9/28/17, 11:38 AM - MG Garga: 

"श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बर धरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥"

श्री दुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी हैं। इनका वर्ण पूर्णतः गौर है, इसलिए ये महागौरी कहलाती हैं। नवरात्रि के अष्टम दिन इनका पूजन किया जाता है। इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं।
माँ महागौरीकी आराधना से किसी प्रकार के रूप और मनोवांछित फल प्राप्त किया जा सकता है। उजले वस्त्र धारण किये हुए महादेव को आनंद देवे वाली शुद्धता मूर्ती देवी महागौरी मंगलदायिनी हों।

दुर्गा पूजा नवरात्री अष्टमी पूजा - अष्टमी तिथि महागौरी की पूजा

देवी दुर्गा के नौ रूपों में महागौरी आठवीं शक्ति स्वरूपा हैं. दुर्गापूजा के आठवें दिन महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है. महागौरी आदी शक्ति हैं इनके तेज से संपूर्ण विश्व प्रकाश-मान होता है इनकी शक्ति अमोघ फलदायिनी हैम माँ महागौरी की अराधना से भक्तों को सभी कष्ट दूर हो जाते हैंतथा देवी का भक्त जीवन में पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी बनता है.दुर्गा सप्तशती (Durga Saptsati) में शुभ निशुम्भ से पराजित होकर गंगा के तट पर जिस देवी की 
प्रार्थना देवतागण कर रहे थे वह महागौरी हैं. देवी गौरी के अंश से ही कौशिकी का जन्म हुआ जिसने शुम्भ निशुम्भ के प्रकोप से देवताओं को मुक्त कराया. यह देवी गौरी शिव की पत्नी हैं यही शिवा और शाम्भवी के नाम से भी 
पूजित होती हैं.

महागौरी स्वरूप :

महागौरी की चार भुजाएं हैं उनकी दायीं भुजा अभय मुद्रा में हैंऔर नीचे वाली भुजा में त्रिशूल शोभता है. बायीं भुजा में डमरू डम डम बज रही है और नीचे वाली भुजा से देवी गौरी भक्तों की प्रार्थना सुनकर वरदान देती हैं. जो स्त्री इस देवी की पूजा भक्ति भाव सहित करती हैं उनके सुहाग की रक्षा देवी स्वयं करती हैं. कुंवारी लड़की मां की पूजा करती हैं तो उसे योग्य पति प्राप्त होता है. पुरूष जो देवी गौरी की पूजा करते हैं उनका जीवनसुखमय रहता है देवी उनके पापों को जला देती हैं और शुद्ध अंत:करण देती हैं. मां अपने भक्तों को अक्षय आनंद और तेज प्रदान करती हैं.

दुर्गा पूजा अष्टमी महागौरी की पूजा विधि : 

नवरात्रे के दसों दिन कुवारी कन्या भोजन कराने का विधान है परंतु अष्टमी के दिन का विशेष महत्व है. इस दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए देवी मां को चुनरी भेंट करती हैं. देवी गौरी की पूजा का विधान भी पूर्ववत 
है अर्थात जिस प्रकार सप्तमी तिथि तक आपने मां की पूजा की है उसी प्रकार अष्टमी के दिन भी देवी की पंचोपचार सहित पूजा करें. देवी का ध्यान करने के लिए दोनों हाथ जोड़कर इस मंत्र का उच्चारण करें "सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यामाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥".
महागौरी रूप में देवी करूणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल दिखती हैं.देवी के इस रूप की प्रार्थना करते हुए देव और ऋषिगण कहते हैं "सर्वमंगल मंग्ल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके. शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तुते.."

महागौरी के मंत्र :

1- श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

2- या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

माता महागौरी की धयान :

वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा महागौरी यशस्वनीम्॥

पूर्णन्दु निभां गौरी सोमचक्रस्थितां अष्टमं महागौरी त्रिनेत्राम्।
वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर, हार, केयूर किंकिणी रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वंदना पल्ल्वाधरां कातं कपोलां त्रैलोक्य मोहनम्।
कमनीया लावण्यां मृणांल चंदनगंधलिप्ताम्॥

महागौरी की स्तोत्र पाठ : 

सर्वसंकट हंत्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥

सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदीयनीम्।
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥

त्रैलोक्यमंगल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।
वददं चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

माता महागौरी की कवच :

ओंकारः पातु शीर्षो मां, हीं बीजं मां, हृदयो।
क्लीं बीजं सदापातु नभो गृहो च पादयो॥

ललाटं कर्णो हुं बीजं पातु महागौरी मां नेत्रं घ्राणो।
कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मा सर्ववदनो॥

देवी की पूजा के बाद शिव और ब्रह्मा जी की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए.

नवरात्री में दुर्गा सप्तशती पाठ किया जाता हैं 


महागौरी कथा :

देवी पार्वती रूप में इन्होंने भगवान शिव को पति-रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी, एक बार भगवान भोलेनाथ ने पार्वती जी को देखकर कुछ कह देते हैं. जिससे देवी के मन का आहत होता है और पार्वती जी तपस्या में लीन हो जाती हैं.इस प्रकार वषों तक कठोर तपस्या करने पर जब पार्वती नहीं आती तो पार्वती को खोजते हुए भगवान शिव उनके पास पहुँचते हैं वहां पहुंचे तो वहां पार्वती को देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं. पार्वती जी का रंग अत्यंत 
ओजपूर्ण होता है, उनकी छटा चांदनी के सामन श्वेत और कुन्द के फूल के समान धवल दिखाई पड़ती है, उनके वस्त्र और आभूषण से प्रसन्न होकर देवी उमा को गौरवर्ण का वरदान देते हैं.
एक कथा अनुसार भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ जाता है. देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान इन्हें स्वीकार करते हैं और शिव जी इनके शरीर को 
गंगा-जल से धोते हैं तब देवी विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं तथा तभी से इनका नाम गौरी पड़ा.महागौरी जी से संबंधित एक अन्य कथा भी प्रचलित है इसके जिसके अनुसार, एक सिंह काफी भूखा था, वह भोजन की तलाश में वहां पहुंचा जहां देवी उमा तपस्या कर रही होती हैं. देवी को देखकर सिंह की भूख बढ़ गयी परंतु वह 
देवी के तपस्या से उठने का इंतजार करते हुए वहीं बैठ गया. इस इंतजार में वहकाफी कमज़ोर हो गया. देवी जब तप से उठी तो सिंह की दशा देखकर उन्हें उस परबहुत दया आती है, और माँ उसे अपना सवारी बना लेती हैं क्योंकि एक प्रकार से उसने भी तपस्या की थी. इसलिए देवी गौरी का वाहन बैल और सिंह दोनों ही हैं।
9/28/17, 1:02 PM - MG Garga: *हे सतचित आनन्दस्वरूप सादर हरि ॐ जी!*
*!सर्व कामना सिद्धि प्रार्थना!*
*!जय माता दी!*
*भगवती भगवान की भक्ति करो परवान तुम।*
*अम्बे कर दो अमर जिसपर हो जायो मेहरबान तुम।*
*काली काल के पंजे से तुम ही सबको बचाना आकर।*
*गौरी गोदी में बिठाना सबको अपने बालक जान कर।*
*चिन्तपूर्णी चिंता दूर हमारी तुम करती रहो।*
*लक्ष्मी लाखों भंडारे तुम हम सबके भरती रहो।*
*नैना देवी नैनो की शक्ति को तुम सबकी बड़ा देना।*
*वैष्णो माँ विषय विकारो से भी तुम हम सबको बचा लेना।*
*मंगल,सुमंगल सदा सबका करना भवन दरबार में।*
*चण्डिका चढ़ती रहे हमारी कला इस संसार में।*
*भद्र काली,भद्र पुरुषो से मिलना तुम सदा।*
*ज्वाला जलन ईर्ष्या वश यह मिटाना करके कृपा।*
*चामुण्डा तुम हम सब पर अपनी दया दृष्टि करो।*
*भवानी मां इज्जत व सुख-शांति व सम्पति से भंडारे हम सबके भरो।*
*हे माँ अम्बे!हम तुम्हारे नादान बालक है,हमारी नादानी को क्षमा करना और सबके घर परिवार में भक्ति-शक्ति,सुख-शान्ति प्रदान करना!*
*सादर हरि ॐ जी!जय गुरूदेव!ॐ गुरुवै: नमः!जय माता दी!जय श्रीराम!*
10/5/17, 6:46 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना!* 🌹
*आज कोजागिरी पोणिँमा*
हे दीनानाथ हम सुपथ पर चले!
हे चन्द्र शेखर! हे जगदीश्वर! हे पतितपावन! हे कण-कण में रमने वाले परम अराध्यदेव! श्रद्धाभाव से विनत होकर हम आपकी प्रार्थना करते है! इस असार संसार में सार तत्व तो आपका नाम ही है! वही नाम हमारी वाणी में बसें, हमारे ह्रदय में उतरे और हमारे कर्म तथा व्यवहार के माध्यम से हमारे कृत्यों में प्रकट हो! हम जहाँ भी देखें, आपकी महिमा से आनंदित हो,उस आनंद को जीवन मे ढाले!
हे सत्यम,शिव,सुन्दरम प्यारे शंकर! आपका प्रेम सारे संसार में उदारता के रूप में,नदियों के प्रवाह के रूप में व हवा के रूप में हमें निरंतर जीवन देता है! हे आशुतोष! हम उस प्रेम को अवश्य धारण करें जो हमारी जीवनी शक्ति को बढ़ाये! हम किसी की जिंदगी ले नही बल्कि सभी को जिन्दगी देने वाले बनें!
हे करुणा सागर! दिनों-दिन हमारी उन्नति हो, प्रगति हो! हमारा मन पवित्र व स्वच्छ होकर सदैव आपके चरणों में समर्पित रहे! हम संसार की परिक्रमा न करके आपकी परिक्रमा करते रहे! हमारा प्रत्येक क्षण शुभ हो, हर दिन मंगलमय हो!
*हे ज्ञानस्वरूप परमेश्वर! हे मेरे सतगुरुदेव! आप हमें सुपथ पर चलने की शक्ति और प्रेरणा प्रदान करे! हे देव! मेरे प्यारे सतगुरु! हमें सुपथ पर लेकर चलिए! अंदर से हमें प्रेरणा दो कि हम सही और गलत का चुनाव कर सकें और फिर उस पर चलने के लिए पूरी तरह से तत्पर हों और सुपथ पर चलते हुए ही ज्ञान, धन और समृधि से भरपूर रहे, अच्छे मार्ग पर चल कर ही धन कमाए मान-सम्मान कमाए! अपने सतगुरु के बताये मार्ग को जीवन में अपनायें! हमें शक्ति दो!*
*परम पुज्य गुरूवर की चरणोंमे शत शत नमन🙏🙏*
ॐ शांतिः!शांतिः!शांतिः!
10/13/17, 11:42 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना* 🌹

हे प्रभु ! परम पिता परमात्मा ! मुझे अपनी अन्दर की  शीतलता को सुरक्षित रखना सिखा दो, जब अपने लोग उग्र रहे हो। 

अपने कर्तव्य का पालन कर सकूँ, जब अन्य सब कर्तव्य से जी चुरा रहे हो।

मेरा भलाई में कभी विश्वास क्षीण ना हो। उत्तम विचार सदा धारण करूँ, हर कर्म सुकर्म हो। 

मै अपना विवेक सदा सुरक्षित रखूँ , तब भी जब दूसरे विवेक खो रहे हो। 

मै सदा होश में रहूँ जब दूसरे सब होश खो रहे हो। 

मै सदैव न्याय पूर्ण उपयुक्त कदम उठा सकूँ, संतुष्ट रहूँ,आनंद में झूमते हुये प्रत्येक दिन को बिताने की कोशिश करूँ।

मै संतुष्ट रहूँ मेरी वाणी मधुर शांत हो तब भी जब मेरे ऊपर क्रोध की बौछार हो रही हो।

मै सदा वो ही करूँ जो उचित हो और उसी को करने में सुख का अनुभव करूँ, भगवान मुझे आशीर्वाद दो।

*हे इश्वर अगर हम वो न कर सकें जो आप चाहते हो, तो हममे इतनी समझ देना हम वो भी ना करे जो आप नहीं चाहते है।* 

*ॐ शांति शांतिः शांतिः*
12/3/17, 6:12 PM - MG Garga: जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏽

आपके लिए एक प्रार्थना 🙏🏽

पश्येम शरदः शतम् ।।१।।

जीवेम शरदः शतम् ।।२।।

बुध्येम शरदः शतम् ।।३।।

रोहेम शरदः शतम् ।।४।।

पूषेम शरदः शतम् ।।५।।

भवेम शरदः शतम् ।।६।।

भूयेम शरदः शतम् ।।७।।

भूयसीः शरदः शतात् ।।८।।

(अथर्ववेद, काण्ड १९, सूक्त ६७)

हम सौ शरदों तक देखें, यानी सौ वर्षों तक हमारे आंखों की ज्योति स्पष्ट बनी रहे (१)। सौ वर्षों तक हम जीवित रहें (२); सौ वर्षों तक हमारी बुद्धि सक्षम बनी रहे, हम ज्ञानवान् बने रहे (३); सौ वर्षों तक हम वृद्धि करते रहें, हमारी उन्नति होती रहे (४); सौ वर्षों तक हम पुष्टि प्राप्त करते रहें, हमें पोषण मिलता रहे (५); हम सौ वर्षों तक बने रहें (६); सौ वर्षों तक हम पवित्र बने रहें, कुत्सित भावनाओं से मुक्त रहें (७); सौ वर्षों से भी आगे ये सब कल्याणमय बातें होती रहें (८)।

🙏🏽
8/7/18, 9:39 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे परम पूजनीय परम पिता भगवान,हे सर्वशक्तिमान सच्चिदानंद स्वरूप आपके श्रीचरणकमलों में हमारा प्रणाम स्वीकार हो। आपको कोटि कोटि धन्यवाद।*
  हे अनन्त भगवान, कृपया मुझे उन महान भक्तों की संगति दें जिनके हृदय नितान्त कल्मषरहित हैं तथा जो आपकी दिव्य प्रेमा-भक्ति में उसी प्रकार लगे रहते हैं ।
जिस प्रकार नदी की तरंगे लगातार बहती रहती हैं | मुझे विश्वास है कि भक्तियोग से मैं संसार रुपी अज्ञान के सागर को पार कर सकूँगा जिसमें अग्नि की लपटों के समान भयंकर संकटों की लहरें उठ रही हैं | मैं आपकी दिव्य गुणों तथा शाश्वत लीलाओं को सुनने के लिए पागल होना चाहता हूँ  |
हे कमलनयन भगवान ! जैसे रस्सियों से बंधे भूख से पीड़ित छोटे-छोटे बछड़े गाय दुहे जाने की प्रतीक्षा करते रहते हैं, उसी प्रकार मै आपकी प्रत्यक्ष सेवा करने का अवसर पाने के लिए सदा उत्कंठित रहूँ | मेरा मन, मेरी चेतना तथा मेरा सर्वस्व सदैव आपके ही प्रति आसक्त रहे   |
हे कृष्ण, ये सारी विपत्तियाँ हम पर बार बार आयें, जिससे हम आपका दर्शन बार बार कर सके | इस प्रकार हमें बारम्बार होने वाले जन्म तथा मृत्यु को नही देखना पड़ेगा |
हे ब्रह्माण्ड के स्वामी, हे विश्वरूप, कृपा कर मेरे स्वजनों के प्रति मेरे स्नेह-बंधन को काट डालें |
*हे मधुपति, जिस प्रकार गंगा नदी बिना किसी व्यवधान के सदैव समुंद्र की ओर बहती है, उसी  प्रकार मेरा आकर्षण अन्य किसी ओर न बंट कर आपकी और निरन्तर बना रहे | यही हमारी आपसे विनती है उसे स्वीकार करें।*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
9/14/18, 10:21 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे ज्योतिर्मय! हे शुद्ध-बुद्ध-मुक्त* *स्वभाव! हमारा प्रणाम स्वीकार हो।*

हे प्रभु मनुष्य अपनी जीवनयात्रा में आवश्यकताओं, इच्छाओं में बंधा रहता है। जिनके कारण मनुष्य इस संसार में तरह-तरह के कर्म करता है, भटकता है, भ्रमित होता है और दुःख भोगता है। जो इच्छा हमारी उन्नति कराए, हमें आपका प्रेम दे सके, जिससे-हमारे अंदर शांति आ सके, हम अपना और दूसरों का उद्धार कर सकें, उस इच्छा शक्ति को आप हमें प्रदान कीजिए। 
हे प्रभु! आप हमें वह सुबुद्धि प्रदान कीजिए, जिसके प्रकाश में हम उचित निर्ण्य लेकर उत्तम पथ पर अग्रसर हो सकें। 
हे प्रभु! ऐसी सुमति प्रदान कीजिए, कि हम अच्छे-बुरे का भेद कर सकें और सत्कर्म की शक्ति हमारे अंदर बनी रहे।
हे नारायण! आप ऐसी कृपा करें कि जिससे जीवन के अंतिम भाग तक यह शरीर कर्मशील बना रहे, कर्मठ बना रहे, सेवा करता रहे, लेकिन सेवा कराए नहीं। सदैव चेहरे पर मुस्कान, माथे पर शीतलता और वाणी में माधुर्य बना रहे।
हे दाता! इतना धन-समृद्धि प्रदान करना कि ये हाथ कभी दूसरों के आगे फैले नहीं और हमारे कार्य पूर्ण रहें।
हे प्रभु! आंखों में ऐसी प्रेम दृष्टि देना जिससे कि हम द्वेष और घृणा से ऊपर उठकर जी सकें। हम कभी भी वैर के बीज को संसार में फैलाएं नहीं। जहां भी जाएं शांति की सुखद छाया चारों ओर फैला सकें। ऐसा हमें आशीर्वाद प्रदान करें।

*आपसे हमारी यही विनती है। इसे स्वीकार करें।*

*ऊँ शांतिः। शांतिः।। शांतिः।*
9/17/18, 2:40 PM - MG Garga: https://youtu.be/j_Q301kW2DQ
9/17/18
, 2:46 PM - MG Garga: https://youtu.be/GUfM73Dz68A
9/29/18
, 6:40 PM - MG Garga: *🌹प्रार्थना*🌹

*हे नारायण! हे सच्चिदानन्दस्वरूप!* *आपको हमारा कोटिश: प्रणाम*       
संसार में आपकी सुन्दर व्यवस्था है। आपके द्वारा बनाये गए नियमों का जो भी उल्लंघन करता है,वह प्रकृति द्वारा अवश्य दण्डित होता है।
हे प्रभु !आपने अपनी सुन्दर सुव्यवस्था से इस सारे संसार को सजाया हुआ है।अनुशासन में समस्त विश्व बंधा है।
संसार में आना-जाना, संयोग- वियोग,पाना- खोना,सब आपके नियमों पर आधारित है।
हे मेरे प्यारे प्रभु!आप पिता हैं और हम आपके पुत्र हैं।हमारे ऊपर ऐसी दया और कृपा करना,जिससे हम भी सुव्यवस्था   को जीवन में धारण करें।
हे नारायण! हम अनुशासन में रहकर जीवन में सुन्दर रंग भर सकें। सुन्दर योजनाओं के द्वारा अपने आपको स्वर्ग के अधिकारी बना सकें। हे प्यारे प्रभु! हमें आशीर्वाद प्रदान करें।
*आपसे हमारीआपसे यही याचना है,यही प्रार्थना है,यही विनती है,इसे आप स्वीकार करें।*

  *ॐ शांति: शांति: शांति:*🌹
10/1/18, 7:36 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे जगत के आधार!हे ब्रह्मा, हे विष्णु,हे परमसत्ता!हम आपको प्रणाम करते है।*
हे प्यारे प्रभु!आप हम पर अनंत-2 कृपा बरसाते है।हम पात्र हो या न ही,तब भी आप अपनी कृपा और दया करते हो।हमारे सभी दोषों को दूर करे हमें सद्बुद्धि दीजिए।
हमें सन्मार्ग दिखाइए।हम अपनी भक्ति को निरंतर आगे बढ़ाते हुए आपके श्रीचरणों के प्रति सदा ध्यान लगाये रहें।
हे प्रभु!हमारी श्रद्धा,हमारी भक्ति लगातार बढ़ती रहें,सदैव आपकी भक्ति से मालामाल रहे,हमारी लगन दृढ़ होती जाये।हमारे विश्वास में सदा अभिवृद्धि करें।हमारी आत्मा को आलोकित करे।
हे प्यारे प्रभु!हम सभी भक्तों का यह निवेदन है कि इस असार संसार में,इस उलझन भरे जीवन के पथ पर सुगमता से चलते हुए अपने जीवन का लक्ष्य प्राप्त कर सके!हमारा हर दिन शुभ दिन बन जाये,हर कर्म शुभकर्म बन जाएँ!
*हमारा अन्त:करण पवित्र हो,हमारा जीवन खुशियों और आनंद से भरपूर हो जाये।यही प्रार्थना है इसे स्वीकार करे!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
10/3/18, 9:04 AM - MG Garga: *🌹प्रार्थना*🌹

*हे प्रभु हमारा ह्रदय आपके श्री चरणों से जुड़ा रहें*
हे जीवन के आधार। सुख स्वरूप सच्चिदानंद परमेश्वर। समस्त संसार में आपने अपनी कृपाओं को बिखेरा हुआ है। हमारा क्षद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो।
हे प्रभु। जब हम अपने अंतर्मन में शान्ति स्थापित करते हैं तब हमारे अन्तःस्थल में आपके आनन्द की तरंगें हिलोरें लेने लगती हैं और हमारा रोम-रोम आनन्द से पुलकित होने लगता है। जिससे हमारा व्यवहार रसपूर्ण और प्रेमपूर्ण हो जाता है।
हे प्रभु! हमारा ह्रदय आपसे जुडा रहे, हम पर आपकी कृपा बरसती रहे, हमारा मन आपके श्रीचरणकमलो में लगा रहे, यह आशीर्वाद हमें अवश्य दीजिये।
हम हर दिन नया उजाला, नई उमंगें, नया उल्लास लेकर जीवन के पथ पर अग्रसर हो सकें! ऐसी हमारे ऊपर कृपा कीजिए। हे दयालु दाता। हमें ऐसा आशीर्वाद दीजिए कि हम प्रत्येक दिन को शुभ अवसर बना सकें।
प्रत्येक दिन की चुनौती का सामना करने के लिए हमें ऐसी शक्ति प्रदान कीजिए कि जिससे हम संघर्ष में विजयी हों। हमारे द्वारा संसार में कुछ भी बुरा न हो, प्रेमपूर्ण वातावरण में श्वास ले सकें तथा प्रेम को संपूर्ण संसार में बाँट सकें।
*हे प्रभु! हमें यह शुभाशीष दीजिए। यही आपसे हमारी विनती है, यही याचना है। इसे स्वीकार कीजिए।*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
10/7/18, 12:30 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे परम पावन प्रभु! हे सच्चिदानंद स्वरुप,हे परमपिता परमात्मा!आप ही इस अखण्ड सृष्टि के महानायक हो, हम सब अबोध बालक और बालिकाएँ आपके श्रीचरणों में सादर नमन करते हैं।*
आप सर्वज्ञ हैं, सर्वव्यापक हैं,सर्वशक्तिमान हैं। आपकी समस्त अनंत कृपाओं के प्रति हम आपके आभारी हैं!
हे दयालु देव!हे कृपालु दाता!हम सब अल्पज्ञ हैं,इस कारण जन्म-जन्मान्तरों से हमारे द्वारा अनेकानेक गलतियां होना संभव हैं।
हमारे अपराध जब दुःख बनकर सामने आते हैं,तब हमें कोई सांसारिक सहारा नहीं मिलता, आपकी कृपा सबसे बड़ी शक्ति हैं,उसी के सहारे हम दुःखों के भवसागर को पार करने की कामना करते हैं।
हे संसार के स्वामी!हमारे ह्रदय में प्रेम,पवित्रता का वास हो,दृष्टि में प्यार हो,मन निर्मल एवं शिव संकल्पवान हो,वाणी में मिठास हो,विचारो में शुद्धता हो,जिससे हमारे कर्मो में कर्तव्ययुक्त भक्ति की भीनी-भीनी सुगंध का समावेश निरंतर बना रहे!हम दुःख में रहे या सुख में परंतु हमारा लक्ष्य महान हो!
*यही प्रार्थना एवं याचना हैं इसे स्वीकार करो!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
10/8/18, 7:30 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे अनाथों के नाथ;निर्बलों के बल; निर्धनों के धन; दीनों के दीनानाथ;*
मैं आपका हूँ;मेरा सब कुछ आपका ही है!मैं आपके हाथों का खिलोना हूँ! मैं आपका ही उपकरण,आपका ही यंत्र हूँ!आपकी इच्छा ही मेरी इच्छा हो;आपकी इच्छा पूर्ण हो!
मेरे जीवन की डोरी आपके हाथ में ही है!सबका न्याय करने वाले न्यायकारी आप ही मेरे पिता,बंधु और सखा हैं!मेरी आत्मीयता अब आपसे कभी कम न हो!
मुझे सदैव आपकी सहायता चाहिए!जीवन में कठोर, उबड़-खाबड़, कंटीले मार्ग पर मेरा हाथ पकड़े रखना;मेरी परीक्षा मत लेना,मैं परीक्षा के योग्य नहीं हूँ;मुझे तो अपनी करुणा के सहारे ही पार लगा दीजिए।
मुझे तो केवल आपका ही भरोसा है! दुखों की आँधियों में;विपदाओं की झंझोड़ती हवाओं में,मैं निर्बल आत्मा कितनी बार चोट खाकर रोया हूँ,अब और मत रुलाना!निर्दयी संसार का पाषाण हृदय कभी नहीं पिघला,बस आप कभी कठोर मत होना!
*हे नाथ मेरा हाथ पकड़िये और मुझे पार उतारिये!मैं तुम्हारी शरण में हूँ!मेरी इस प्रार्थना को स्वीकार कीजिए!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
10/12/18, 9:27 AM - MG Garga: *🌹प्रार्थना*🌹

*हे प्रभु मनुष्य अपनी जीवनयात्रा में आवश्यकताओं, इच्छाओं में बंधा रहता है। जिनके कारण मनुष्य इस संसार में तरह-तरह के कर्म करता है, भटकता है, भ्रमित होता है और दुःख भोगता है।*
जो इच्छा हमारी उन्नति कराए, हमें आपका प्रेम दे सके, जिससे-हमारे अंदर शांति आ सके, हम अपना और दूसरों का उद्धार कर सकें, उस इच्छा शक्ति को आप हमें प्रदान कीजिए। 
हे प्रभु! आप हमें वह सुबुद्धि प्रदान कीजिए, जिसके प्रकाश में हम उचित निर्ण्य लेकर उत्तम पथ पर अग्रसर हो सकें। 
हे प्रभु! ऐसी सुमति प्रदान कीजिए, कि हम अच्छे-बुरे का भेद कर सकें और सत्कर्म की शक्ति हमारे अंदर बनी रहे।
हे नारायण! आप ऐसी कृपा करें कि जिससे जीवन के अंतिम भाग तक यह शरीर कर्मशील बना रहे, कर्मठ बना रहे, सेवा करता रहे, लेकिन सेवा कराए नहीं। सदैव चेहरे पर मुस्कान, माथे पर शीतलता और वाणी में माधुर्य बना रहे।
हे दाता! इतना धन-समृद्धि प्रदान करना कि ये हाथ कभी दूसरों के आगे फैले नहीं और हमारे कार्य पूर्ण रहें।
हे प्रभु! आंखों में ऐसी प्रेम दृष्टि देना जिससे कि हम द्वेष और घृणा से ऊपर उठकर जी सकें। हम कभी भी वैर के बीज को संसार में फैलाएं नहीं।
*जहां भी जाएं शांति की सुखद छाया चारों ओर फैला सकें। ऐसा हमें आशीर्वाद प्रदान करें।आपसे हमारी यही विनती है। इसे स्वीकार करें।*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
10/15/18, 9:03 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना* 🌹

*हे दीनानाथ हम सुपथ पर चले! हे चन्द्र शेखर!हे जगदीश्वर! हे पतितपावन! हे कण-कण में रमने वाले परम अराध्यदेव!*
श्रद्धाभाव से विनत होकर हम आपकी प्रार्थना करते है! इस असार संसार में सार तत्व तो आपका नाम ही है।
वही नाम हमारी वाणी में बसें,हमारे ह्रदय में उतरे और हमारे कर्म तथा व्यवहार के माध्यम से हमारे कृत्यों में प्रकट हो!हम जहाँ भी देखें,आपकी महिमा से आनंदित हो,उस आनंद को जीवन मे ढाले।
हे सत्यम,शिव,सुन्दरम प्यारे शंकर!आपका प्रेम सारे संसार में उदारता के रूप में,नदियों के प्रवाह के रूप में व हवा के रूप में हमें निरंतर जीवन देता है।
हे आशुतोष!हम उस प्रेम को अवश्य धारण करें जो हमारी जीवनी शक्ति को बढ़ाये!हम किसी की जिंदगी ले नही बल्कि सभी को जिन्दगी देने वाले बनें।
हे करुणा सागर! दिनों-दिन हमारी उन्नति हो, प्रगति हो! हमारा मन पवित्र व स्वच्छ होकर सदैव आपके चरणों में समर्पित रहे।
हम संसार की परिक्रमा न करके आपकी परिक्रमा करते रहे! हमारा प्रत्येक क्षण शुभ हो, हर दिन मंगलमय हो।
हे ज्ञानस्वरूप परमेश्वर! हे मेरे सतगुरुदेव! आप हमें सुपथ पर चलने की शक्ति और प्रेरणा प्रदान करे
हे देव! मेरे प्यारे सतगुरु! हमें सुपथ पर लेकर चलिए! अंदर से हमें प्रेरणा दो कि हम सही और गलत का चुनाव कर सकें और फिर उस पर चलने के लिए पूरी तरह से तत्पर हों।
सुपथ पर चलते हुए ही ज्ञान, धन और समृधि से भरपूर रहे, अच्छे मार्ग पर चल कर ही धन कमाए मान-सम्मान कमाए।
*अपने सतगुरु के बताये मार्ग को जीवन में अपनायें!हमें शक्ति दो!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ॐ!*🌹
10/18/18, 4:49 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे प्यारे देव!आपके दिए हर उपहार को श्रद्धा पूर्वक स्वीकार कर सके।*
हे जगत के आधार सच्चिदानन्द स्वरूप प्यारे प्रभु! हे शुद्ध-बुद्ध मुक्त स्वभाव प्यारे प्रभु! हम आपको बार-बार प्रणाम करते हैं।
आपकी अनंत-2अनुकम्पाओं के लिए हे प्रभु!आपको नमन करते हैं! हे प्रभु! हम सबका नमन स्वीकार कीजिए।
हम सदैव आपके चरण-शरण में रहें! आपकी महिमा, आपकी व्यवस्था,आपके नियम, आपके कायदे-कानून और आपका प्रसाद जो भी मिले।
हम हरेक वस्तु को और आपके दिये गये हर उपहार को श्रद्धापूर्वक स्वीकार करने वाले बनें!हर वस्तु को आपका प्रसाद मानें! परीक्षा की घड़ी में आगे निकलने के लिए आपका सहारा मांगते रहे!
*श्रद्धाभाव से हमारा माथा आपके श्रीचरणों में झुकता रहे! हमारा प्रणाम स्वीकार करें!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
10/18/18, 4:53 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे सर्व शक्तिमान सर्वाधार प्रभु ! आप समस्त सुखों के भण्डार है।*
संसार सागर में अगर कही शान्ति और आनंद का केंद्र है, तो वे आपके चरणचिन्ह ही है । हमारा श्रद्धाभरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो।
हे भगवान ! हे पवित्र पावन परमेश्वर! हमारे अंतःकरण में आप जैसी श्रद्धा भक्ति मैत्री और प्रेम जागृत हो ताकि हम आपके श्रद्धामयी गोद में बैठने का अधिकारी बन सके ।
हे प्रभु अंतःकरण में मलिन करने वाली सभी क्षुद्र भावनाओं से हम ऊपर उठ सके और काम क्रोध लोभ मोह ईर्ष्या द्वेष आदि आसुरी वृतियो पर विजय पा सके ।
हे भगवन! हमारे अंदर सात्विक वृत्तियाँ जागृत हो। क्षमा, सरलता, स्थिरता, अहंकार,शून्यता आदि शुभ भावनाएं हमारी संपत्ति हो। हमारा व्यक्तित्व महान और विशाल बने।
हे प्रभु ! आप हमारे ऊपर अपने आशीर्वाद का वरदहस्त रखिये । जिससे हमारा जीवन सदैव आपके ही चरणरविन्द में समर्पित रहे।
*हे प्रभु! अपनी सेवा में लेकर हमें कृतार्थ करें। हे पतितपावन ! यही आपसे हम सबकी प्रार्थना है, इसे स्वीकार करें।*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
10/20/18, 9:27 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे जगत के नियंता! हे जगदीश्वर*! *हमारा श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो*
सम्पूर्ण जगत को जन्म और जीवन प्रदान करने वाले मेरे पिता! मेरे ज्ञानस्वरूप सतगुरुदेव! हमें शक्ति दो,जिससे हम पतित,पिछड़े भाग्य तथा कर्म के मारे इंसानों का सहारा बनें।
हम उनके सखा बनें। उनके दुःख दूर करने का सामर्थ्य हमे प्रदान करना। हे पावन देव!हम किसी के सम्मान को,स्वाभिमान को कभी चोट न पहुचाएं।
हम दूसरे के प्रभाव से और अपने अभाव से कदापि दुखी न हो। सदा तेरे रहे और तेरी रजा में रजामन्द रहे। हे प्रभु! तेरी भक्ति से हर दिन का प्रारम्भ करें। तेरा आभार व्यक्त करके ही शयन करें।
हमारी जिह्वा सदैव तेरे नाम का स्मरण करती रहे। हे सर्वव्यापक!तुम तो सब कुछ जानते हो,तुम्हारे प्रति,अपने सतगुरु प्रति हमारी आस्था,हमारा विश्वास सदा अटल रहे,अडिग रहे।
*हमारी चेतना के प्रभाव में तुम्हारा नाम सदा गुंजायमान रहे और तुम्हारा वरदहस्त हम भक्तो के शीश पर सदा बना रहे। यही हमारी प्रार्थना,याचना है।स्वीकार करो।*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
10/27/18, 9:05 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे सर्व शक्तिमान सर्वाधार प्रभु ! आप समस्त सुखों के भण्डार है। संसार सागर में अगर कही शान्ति और आनंद का केंद्र है, तो वे आपके चरणचिन्ह ही है । हमारा श्रद्धाभरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो।*
हे भगवान ! हे पवित्र पावन परमेश्वर! हमारे अंतःकरण में आप जैसी श्रद्धा भक्ति मैत्री और प्रेम जागृत हो ताकि हम आपके श्रद्धामयी गोद में बैठने का अधिकारी बन सके ।
हे प्रभु अंतःकरण में मलिन करने वाली सभी क्षुद्र भावनाओं से हम ऊपर उठ सके और काम, क्रोध, लोभ, मोह, ईर्ष्या, द्वेष आदि आसुरी बृत्तिओं पर विजय पा सके ।
हे भगवन! हमारे अंदर सात्विक वृत्तियाँ जागृत हो। क्षमा, सरलता, स्थिरता, अहंकार शून्यता आदि शुभ भावनाएं हमारी संपत्ति हो। हमारा व्यक्तित्व महान और विशाल बने।
हे प्रभु ! आप हमारे ऊपर अपने आशीर्वाद का वरदहस्त रखिये । जिससे हमारा जीवन सदैव आपके ही चरणविन्द में समर्पित रहे।
*हे प्रभु! अपनी सेवा में लेकर हमें कृतार्थ करें। हे पतितपावन !यही आपसे हम सबकी प्रार्थना है, इसे स्वीकार करें।*

*ॐ शांतिः शांतिः. शांतिः*🌹
10/27/18, 5:43 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे सर्व शक्तिमान सर्वाधार प्रभु ! आप समस्त सुखों के भण्डार है। संसार सागर में अगर कही शान्ति और आनंद का केंद्र है, तो वे आपके चरणचिन्ह ही है । हमारा श्रद्धाभरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो।*
हे भगवान ! हे पवित्र पावन परमेश्वर! हमारे अंतःकरण में आप जैसी श्रद्धा भक्ति मैत्री और प्रेम जागृत हो ताकि हम आपके श्रद्धामयी गोद में बैठने का अधिकारी बन सके ।
हे प्रभु अंतःकरण में मलिन करने वाली सभी क्षुद्र भावनाओं से हम ऊपर उठ सके और काम, क्रोध, लोभ, मोह, ईर्ष्या, द्वेष आदि आसुरी बृत्तिओं पर विजय पा सके ।
हे भगवन! हमारे अंदर सात्विक वृत्तियाँ जागृत हो। क्षमा, सरलता, स्थिरता, अहंकार शून्यता आदि शुभ भावनाएं हमारी संपत्ति हो। हमारा व्यक्तित्व महान और विशाल बने।
हे प्रभु ! आप हमारे ऊपर अपने आशीर्वाद का वरदहस्त रखिये । जिससे हमारा जीवन सदैव आपके ही चरणविन्द में समर्पित रहे।
*हे प्रभु! अपनी सेवा में लेकर हमें कृतार्थ करें। हे पतितपावन !यही आपसे हम सबकी प्रार्थना है, इसे स्वीकार करें।*

*ॐ शांतिः शांतिः. शांतिः*🌹
10/31/18, 2:20 PM - MG Garga: *🚩ॐ गुरुवै: नमः!🚩*
*🌹प्रार्थना!*
*हे प्यारे महादेव!हे शिव! आप सबका कल्याण करो,सभी को सही व सत्य पथ की ओर ले चलो!सभी सत्यं, शिवं और सौंन्दर्य को जीवन में अपना सके!सबको भक्ति-शक्ति का वरदान मिले!*
*महामृत्युंजय मंत्र!*
*कविता भाव में अर्थ!*
*हे त्रिनेत्र परमेश्वर स्वामी,*
*घट-घट वासी अन्तर्यामी,*
*ध्यान तुम्हारा निशदिन धरते,*
*यश-कीर्ति से सबकी खाली झोली भरते,*
*बल सुगंध के देने वाले,*
*सबकी नौका खेने वाले,*
*अल्प आयु को कभी न लेना,*
*सबको पूर्ण आयु प्रभु देना,*
*पकने पर जैसे खरबूजा,*
*बेल विलग हो जाता दूजा,*
*ऐसी मृत्यु हमे भी देना,*
*मुक्ति-मोक्ष के पथ पर लेना,*
*सब पर अपनी दया बढ़ाना,*
*कृपा सुधा से नित नहलाना,*
*सबके सारे संकट हरना*,
*बंधन मुक्त सभी को करना।।।*
*ॐ नमः शिवाय:!*
*सादर हरि ॐ जी!!!जय गुरुदेव!!!🚩🚩🌹🙏🏻*
10/31/18, 2:31 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे परमेश्वर!हे सच्चिदानंदस्वरूप! हम सभी आपके श्रीचरणों में कोटिश: नमन करते हैं!*
हे मेरे प्यारे प्रभु! हे दयाओं के अनंत सागर!आप पल-प्रतिपल हम सब प्राणियों पर कृपा-वृष्टि कर रहे है।आप प्रेमपूर्ण होकर ही सृष्टि का निर्माण करते है और सृष्टि का संहार भी आपके प्रेमपूर्ण हाथो से ही होता है।
प्राणिमात्र के प्रति प्रेम से ओत-प्रोत होकर आप सृष्टि के नियमों की रचना करते है।जो प्राणी आपके नियमों के अनुकूल आचरण करता है उसकी झोली सुख और आनंद से सदा भरी रहती है।
हे जगत के नियंता! हे जगदीश्वर!हम आपके कल्याणमय तेज स्वरुप का ध्यान धरते है और याचना करते है कि हमे ऐसी मानसिक सामर्थ्य प्रदान करें कि हम हमेशा आपके ही नियमों पर चलते रहें।आलस्य व् प्रमाद हम पर कभी हावी न हो।आपके कल्याणमय चरणों पर हमारी दृष्टि सदा लगी रहे।
संसार के नियमों का पालन करते हुए हम आपकी प्रेम की डोर से हमेशा बंधे रहे!प्राणी मात्र से प्रेम कर सके ऐसी करुणा देना हे मेरे प्यारे प्रभु!हमे दुःखो से,कष्टों से मुक्त करें किन्तु अपने प्रेम बंधन से हमे अलग न होने दे।
हे प्रभु! न जाने कितने जन्मों तक भटकने के बाद आपकी कृपा से यह मनुष्य जन्म मिला है।
मोह ममता के कारण अनेक योनियों से गुजरना पड़ा है।
अब वैराग्य जागृत कर दीजिये।हमें ऐसा ज्ञान और विवेक प्राप्त हो जिससे हम अपने कर्तव्यों को तो निभायें लेकिन मोह-ममता हमारे मन में जागृत न हो।
हे परमात्मन!अपनों के प्यार में पड़कर हम कोई गुनाह न करें!भले ही अपने संबधियों को ज्यादा सुख-सुविधाएँ न दे सके,पर अच्छे संस्कार और मर्यादा जरूर देकर जायें।
*हे भगवन! ये दुनिया हमसे छूट जाये पर आपका धाम हमें प्राप्त हो जाये!इस जन्म में ही मुक्ति मिल जाये।यही हमारी आपके श्रीचरणों में प्रार्थना है,इसे स्वीकार करें!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/1/18, 8:38 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना* 🌹

*हे चन्द्र शेखर!हे जगदीश्वर! हे पतितपावन! हे कण-कण में रमने वाले परम अराध्यदेव!*
श्रद्धाभाव से विनत होकर हम आपकी प्रार्थना करते है! इस असार संसार में सार तत्व तो आपका नाम ही है।
वही नाम हमारी वाणी में बसें,हमारे ह्रदय में उतरे और हमारे कर्म तथा व्यवहार के माध्यम से हमारे कृत्यों में प्रकट हो!हम जहाँ भी देखें,आपकी महिमा से आनंदित हो,उस आनंद को जीवन मे ढाले।
हे सत्यम,शिव,सुन्दरम प्यारे शंकर!आपका प्रेम सारे संसार में उदारता के रूप में,नदियों के प्रवाह के रूप में व हवा के रूप में हमें निरंतर जीवन देता है।
हे आशुतोष!हम उस प्रेम को अवश्य धारण करें जो हमारी जीवनी शक्ति को बढ़ाये!हम किसी की जिंदगी ले नही बल्कि सभी को जिन्दगी देने वाले बनें।
हे करुणा सागर! दिनों-दिन हमारी उन्नति हो, प्रगति हो! हमारा मन पवित्र व स्वच्छ होकर सदैव आपके चरणों में समर्पित रहे।
हम संसार की परिक्रमा न करके आपकी परिक्रमा करते रहे! हमारा प्रत्येक क्षण शुभ हो, हर दिन मंगलमय हो!*
हे ज्ञानस्वरूप परमेश्वर! हे मेरे सतगुरुदेव! आप हमें सुपथ पर चलने की शक्ति और प्रेरणा प्रदान करे।
हे देव! मेरे प्यारे सतगुरु! हमें सुपथ पर लेकर चलिए! अंदर से हमें प्रेरणा दो कि हम सही और गलत का चुनाव कर सकें और फिर उस पर चलने के लिए पूरी तरह से तत्पर हों और सुपथ पर चलते हुए ही ज्ञान, धन और समृधि से भरपूर रहे, अच्छे मार्ग पर चल कर ही धन कमाए मान-सम्मान कमाए!

*अपने सतगुरु के बताये मार्ग को जीवन में अपनायें!हमें शक्ति दो!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ॐ!*🌹
11/1/18, 8:40 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे परमेश्वर!हे सच्चिदानंदस्वरूप! हम सभी आपके श्रीचरणों में कोटिश: नमन करते हैं!*
हे मेरे प्यारे प्रभु! हे दयाओं के अनंत सागर!आप पल-प्रतिपल हम सब प्राणियों पर कृपा-वृष्टि कर रहे है।आप प्रेमपूर्ण होकर ही सृष्टि का निर्माण करते है और सृष्टि का संहार भी आपके प्रेमपूर्ण हाथो से ही होता है।
प्राणिमात्र के प्रति प्रेम से ओत-प्रोत होकर आप सृष्टि के नियमों की रचना करते है।जो प्राणी आपके नियमों के अनुकूल आचरण करता है उसकी झोली सुख और आनंद से सदा भरी रहती है।
हे जगत के नियंता! हे जगदीश्वर!हम आपके कल्याणमय तेज स्वरुप का ध्यान धरते है और याचना करते है कि हमे ऐसी मानसिक सामर्थ्य प्रदान करें कि हम हमेशा आपके ही नियमों पर चलते रहें।आलस्य व् प्रमाद हम पर कभी हावी न हो।आपके कल्याणमय चरणों पर हमारी दृष्टि सदा लगी रहे।
संसार के नियमों का पालन करते हुए हम आपकी प्रेम की डोर से हमेशा बंधे रहे!प्राणी मात्र से प्रेम कर सके ऐसी करुणा देना हे मेरे प्यारे प्रभु!हमे दुःखो से,कष्टों से मुक्त करें किन्तु अपने प्रेम बंधन से हमे अलग न होने दे।
हे प्रभु! न जाने कितने जन्मों तक भटकने के बाद आपकी कृपा से यह मनुष्य जन्म मिला है।
मोह ममता के कारण अनेक योनियों से गुजरना पड़ा है।
अब वैराग्य जागृत कर दीजिये।हमें ऐसा ज्ञान और विवेक प्राप्त हो जिससे हम अपने कर्तव्यों को तो निभायें लेकिन मोह-ममता हमारे मन में जागृत न हो।
हे परमात्मन!अपनों के प्यार में पड़कर हम कोई गुनाह न करें!भले ही अपने संबधियों को ज्यादा सुख-सुविधाएँ न दे सके,पर अच्छे संस्कार और मर्यादा जरूर देकर जायें।
*हे भगवन! ये दुनिया हमसे छूट जाये पर आपका धाम हमें प्राप्त हो जाये!इस जन्म में ही मुक्ति मिल जाये।यही हमारी आपके श्रीचरणों में प्रार्थना है,इसे स्वीकार करें!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/2/18, 5:26 PM - MG Garga:  🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे परम पिता परमात्मा ! मुझे अपनी अन्दर की  शीतलता को सुरक्षित रखना  सिखा दो।*
जब अपने लोग उग्र  रहे हो। अपने कर्तव्य का पालन कर सकूँ जब अन्य सब कर्तव्य से जी चुरा रहे हो 
मेरा भलाई में कभी विश्वास क्षीण ना हो।  उत्तम विचार सदा धारण करूँ, कर्म सुकर्म हो।मै अपना विवेक सदा सुरक्षित रखूँ , तब भी जब दूसरे विवेक खो रहे हो। 
मै सदा होश में रहूँ जब दूसरे सब होश खो रहे हो। मै  सदैव न्याय पूर्ण उपयुक्त कदम उठा सकूँ संतुष्ट रहूँ आनंद में झूमते हुये प्रत्येक दिन को बिताने की कोशिश करूँ।
मै संतुष्ट रहूँ मेरी वाणी मधुर शांत हो तब भी जब मेरे ऊपर क्रोध की बौछार हो रही हो, मै सदा वो ही करूँ जो उचित हो और उसीको करने में सुख अनुभव करूँ, भगवान मुझे आशीर्वाद दो।
*हे इश्वर अगर हम वो न कर सकें जो आप चाहते हो, तो हममे इतनी समझ देना हम वो भी ना करे जो आप नहीं चाहते है।*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/3/18, 8:11 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे प्यारे परमात्मन आपको प्यार भरा चरण वंदन!*
*हे मेरे दाता घर छोटा हो या बड़ा,पर वहाँ सदा तेरी याद बनी रहे! तेरा आशीर्वाद सदैव हम सबको मिलता रहे,हम सभी प्रेम और प्रसन्नता से सदा रहें।*
तेरे दिए में सदैव खुश रहें!सदा सुख-शांति से रहे,ऐसा घर देना मेरे प्रभु जहां सदैव तेरे नाम की गूंज होती रहे! हे मेरे प्यारे गुरुवर आपको कोटि-कोटि प्रणाम।
सदैव हम इस कर्मभूमि पर अच्छे कर्म करते हुए,काम क्रोध,लोभ एवं मोह से ऊपर सदा उठे।
अहंकार की चादर को दूर फेंककर अपने कर्तव्य को समझते हुए,मोह-माया का परित्याग करे।
*ऐसी दया करना कभी किसी से नफरत न करे,सदा निस्वार्थ भाव से सेवा करें,प्रेम के फूल इस धरती पर खिला सके ऐसा आशीर्वाद प्रदान करना।*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/4/18, 1:39 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे ज्योतिर्मय! हमारा प्रणाम स्वीकार हो।*
- हे प्रभु मनुष्य अपनी जीवनयात्रा में आवश्यकताओं, इच्छाओं में बंधा रहता है। जिनके कारण मनुष्य इस संसार में तरह-तरह के कर्म करता है, भटकता है, भ्रमित होता है और दुःख भोगता है।
जो इच्छा हमारी उन्नति कराए, हमें आपका प्रेम दे सके, जिससे-हमारे अंदर शांति आ सके, हम अपना और दूसरों का उद्धार कर सकें, उस इच्छा शक्ति को आप हमें प्रदान कीजिए। 
हे प्रभु! आप हमें वह सुबुद्धि प्रदान कीजिए, जिसके प्रकाश में हम उचित निर्ण्य लेकर उत्तम पथ पर अग्रसर हो सकें। 
हे नारायण! आप ऐसी कृपा करें कि जिससे जीवन के अंतिम भाग तक यह शरीर कर्मशील बना रहे, कर्मठ बना रहे, सेवा करता रहे, लेकिन सेवा कराए नहीं। सदैव चेहरे पर मुस्कान, माथे पर शीतलता और वाणी में माधुर्य बना रहे।
हे दाता! इतना धन-समृद्धि प्रदान करना कि ये हाथ कभी दूसरों के आगे फैले नहीं और हमारे कार्य पूर्ण रहें।
हे प्रभु! आंखों में ऐसी प्रेम दृष्टि देना जिससे कि हम द्वेष और घृणा से ऊपर उठकर जी सकें। हम कभी भी वैर के बीज को संसार में फैलाएं नहीं।
*जहां भी जाएं शांति की सुखद छाया चारों ओर फैला सकें। ऐसा हमें आशीर्वाद प्रदान करें। आपसे हमारी यही विनती है। इसे स्वीकार करें।*

*ऊँ शांतिः। शांतिः शांतिः*🌹
11/6/18, 5:10 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे ब्रह्मज्ञान के प्रकाशपुंज! हे सृजनात्मक शक्ति के स्वामी!हम सभी भक्तों का श्रद्धा भरा प्रणाम स्वीकार करें!*
हे त्रिगुणातीत! हमारे प्यारे सतगुरुदेव!आपकी ज्ञानमयी अमृतवाणी सदैव हमारे अंग-संग रहे!
भाव में,अभाव में,उन्नति में,अवनति में और जीवन की सुनसान राहों में आप सखा बनकर हमेशा हमारे साथ रहें!आपके आशीष का अमृत सदैव हमें मिलता रहे,यही हमारी अभिलाषा है!
हे ज्ञान सागर, प्यारे सतगुरु देव !आपके ब्रह्मज्ञान की अनुगूंज से हमारे अंत:करण में आनंद की हिलोरें उठने लगती हैं और हमारा रोम-रोम आनंद से पुलकित हो जाता है जिससे हमारा व्यवहार रसपूर्ण तथा प्रेमपूर्ण हो जाता है!
*हे प्रभु! हमारा ह्रदय सदैव आपसे जुड़ा रहे, हम पर आपकी कृपा बरसती रहे!यही अभ्यर्थना है,याचना है,स्वीकार करें!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/8/18, 2:12 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

  *हे जीवन के आधार। सुख स्वरूप सचिदानंद परमेशवर। समस्त संसार में आपने अपनी कृपाओं को बिखेरा हुआ है। हमारा क्षद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो।*
हे प्रभु। जब हम अपने अंतर्मन में शान्ति स्थापित करते हैं तब हमारे हृदय में आपके आनन्द की तरंगें हिलोरें लेने लगती हैं और हमारा रोम-रोम आनन्द से पुलकित होने लगता है। जिससे हमारा व्यवहार रसपूर्ण और प्रेमपूर्ण हो जाता है।
हे प्रभु! हमारा ह्रदय आपसे जुडा रहे, हम पर आपकी कृपा बरसती रहे, हमारा मन आपके श्रीचरणों लगा रहे, यह आशीर्वाद हमें अवश्य दो।
हम हर दिन नया उजाला, नई उमंगें, नया उल्लास लेकर जीवन के पथ पर अग्रसर हो सकें! ऐसी हमारे ऊपर कृपा कीजिए।
हे दयालु दाता। हमें ऐसा आशीर्वाद दीजिए कि हम प्रत्येक दिन को शुभ अवसर बना सकें। प्रत्येक दिन की चुनौती का सामना करने के लिए हमें ऐसी शक्ति प्रदान कीजिए कि जिससे हम संघर्ष में विजयी हों।
हमारे द्वारा संसार में कुछ भी बुरा न हो, प्रेमपूर्ण वातावरण में श्वास ले सकें तथा प्रेम को संपूर्ण संसार में बाँट सकें। हे प्रभु! हमें यह शुभाशीष दीजिए।
*यही आपसे हमारी विनती है, यही याचना है। इसे स्वीकार कीजिए।*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/8/18, 5:54 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे प्यारे देव!आपके दिए हर उपहार को श्रद्धा पूर्वक स्वीकार कर सके।*
हे जगत के आधार सच्चिदानन्द स्वरूप प्यारे प्रभु! हे शुद्ध-बुद्ध मुक्त स्वभाव प्यारे प्रभु! हम आपको बार-बार प्रणाम करते हैं।
आपकी अनंत-2अनुकम्पाओं के लिए हे प्रभु!आपको नमन करते हैं! हे प्रभु! हम सबका नमन स्वीकार कीजिए।
हम सदैव आपके चरण-शरण में रहें! आपकी महिमा, आपकी व्यवस्था,आपके नियम, आपके कायदे-कानून और आपका प्रसाद जो भी मिले।
हम हरेक वस्तु को और आपके दिये गये हर उपहार को श्रद्धापूर्वक स्वीकार करने वाले बनें!हर वस्तु को आपका प्रसाद मानें! परीक्षा की घड़ी में आगे निकलने के लिए आपका सहारा मांगते रहे!
*श्रद्धाभाव से हमारा माथा आपके श्रीचरणों में झुकता रहे! हमारा प्रणाम स्वीकार करें!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/8/18, 5:54 PM - MG Garga: *🌹प्रार्थना!*🌹

*हे सर्वव्यापी महाशक्ति!!*
*हे सच्चिदानन्दस्वरूप परमदेव परमात्मा! हे देवाधिदेव महादेव! आप संपूर्ण जगत् के आधार है! तथा सारी सृष्टि आप में विद्यमान है! हमारा श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो!*
हे विधाता!आपके भक्त भिन्न-भिन्न रिश्तों,नामो से आपको पुकारते है! पर आप ही वह महाशक्ति है! जो संसार के कण-कण में व्याप्त है!आप तो हर जर्रे-जर्रे में विराजित है!
हे जगदीश्वर!आप ही संसार का निर्माण करते है!अतः पिता कहलाते है! संसार का पालन पोषण करते है,इसलिए माता-पिता कहलाते है! सांसारिक माता-पिता तो एक दिन हमें छोड़कर,सब बंधन तोड़कर यहाँ से चले जाते है! लेकिन आप हर स्थिति में,हर पल,सदैव हमारे साथ रहते है।
हे सर्वशक्तिमान! जल में थल में और गगन में निवास करने वाले त्रिभुवनवासी शिवशंकर! हम सब आपके सुखस्वरुप तेज का ध्यान करते है! हमे ऐसे सद्ज्ञान का प्रकाश दे जिससे हम अपने जीवन का लक्ष्य सामने रखकर,दुनिया की भीड़ में अपनी पहचान बनाते हुए,अपनी मंजिल तक पहुँच सके!
*हे कल्याणस्वरूप परमपिता परमात्मा! हम शरीर से सबल एव् सक्षम हो,हमारा आत्मिक बल इतना हो कि संसार के सामने कभी कमजोर न पड़े किन्तु हमारा मस्तक आपके श्रीचरणों में सदैव झुका रहे! यही प्रार्थना है,याचना है,इसे स्वीकार करें!*

*ॐ शांति: शांति: शांति:*🌹
11/8/18, 5:54 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹


*हे सच्चिदानंद स्वरुप,हे सर्वाधार सर्वेश्वर, सर्वव्यापक,सर्व अंतर्यामी आपके चरणों मे हमारा प्रणाम स्वीकार हो!*
हे अजर,अमर,अभय, नित्य-पवित्र,शुद्ध-बुद्ध,मुक्त स्वभाव! इस संसार में सर्वत्र आपकी महिमा,आपकी व्यवस्था और आपके नियम काम करते है!
आपकी व्यवस्था का और आपके नियमों का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति कष्ट और दुःख का भागी बनता है!
हे प्रभु! हमें शक्ति दो कि हम आपके नियमों को समझे,आपकी सृष्टि को समझे और इस संसार में हम उन महान कार्यों को कर सके,जिनको करने के लिये हम इस दुनिया में आये है!
हमारी स्वयं की अपनी पहचान हो,हम अपने जीवन से संतुष्ट हो! हम अपने शरीर से, मन से,बुद्धि और आत्मा से बलवान हो!
हमारा विवेक सदैव काम करता रहे,सामर्थ्य शक्ति सदा साथ देती रहे!इस दुनिया में हम सहयोग और सेवा करते रहे लेकिन किसी से सहयोग की कामना न रखे!
हे नाथ हम सबकी झोलियां भरी रहे,हमसे जुड़े हर प्राणी मात्र के यहाँ सुख-शांति प्रदान करो!
*यही आपके समक्ष आपके चरणों में विनती है इसे स्वीकार करे!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/8/18, 5:54 PM - MG Garga: 🌹हरि ॐ, आप सभी कल दिनांक-24-10-18 को *श्री गणेश लक्ष्मी यज्ञ* का सीधा प्रसारण आनंदधाम आश्रम से प्रातः 10 बजे- 1 बजे तक *DISHA TV Channel* पर देख सकते है।🌹
11/8/18, 5:54 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹


*हे ज्योतिर्मय! हे शुद्ध-बुद्ध-मुक्त स्वभाव! हमारा प्रणाम स्वीकार हो।*
हे नारायण! आप ऐसी कृपा करें कि जिससे जीवन के अंतिम भाग तक यह शरीर कर्मशील बना रहे, कर्मठ बना रहे, सेवा करता रहे, लेकिन सेवा कराए नहीं। सदैव चेहरे पर मुस्कान, माथे पर शीतलता और वाणी में माधुर्य बना रहे।
हे प्रभु मनुष्य अपनी जीवन यात्रा में अनेकानेक आवश्यकताओ, इच्छाओं में बंधा रहता है।जिसके कारण इस संसार में विभिन्न प्रकार के कर्म करता है,भटकता है,भ्रमित होता है और दुःख भोगता है।
जो इच्छा हमारी उन्नति कराए,हमें आपका प्रेम दे सके,जिससे हमारे अंदर शांति आ सके, उस इच्छा शक्ति को आप हमें प्रदान कीजिए।
हे प्रभु आप हमें वह सुबुद्धि प्रदान कीजिए, जिसके प्रकाश में हम उचित निर्णय लेकर उत्तम पथ पर बढ़ सके।
हे प्रभु! आंखों में ऐसी प्रेम दृष्टि देना जिससे कि हम द्वेष और घृणा से ऊपर उठकर जी सकें। हम कभी भी वैर के बीज को संसार में फैलाएं नहीं। जहां भी जाएं शांति की सुखद छाया चारों ओर फैला सकें। ऐसा हमें आशीर्वाद प्रदान करें।
*हे दाता इतना धन समृद्धि प्रदान करना कि ये हाथ कभी दूसरों के आगे फैले नहीं और हमारे कार्य पूर्ण रहें।आपसे हमारी यही विनती है। इसे स्वीकार करें।*

*ॐ शांतिः शांतिः। शांतिः*🌹
11/8/18, 5:56 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹


*हे सच्चिदानंद स्वरुप,हे सर्वाधार सर्वेश्वर, सर्वव्यापक,सर्व अंतर्यामी आपके चरणों मे हमारा प्रणाम स्वीकार हो!*
हे अजर,अमर,अभय, नित्य-पवित्र,शुद्ध-बुद्ध,मुक्त स्वभाव! इस संसार में सर्वत्र आपकी महिमा,आपकी व्यवस्था और आपके नियम काम करते है!
आपकी व्यवस्था का और आपके नियमों का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति कष्ट और दुःख का भागी बनता है!
हे प्रभु! हमें शक्ति दो कि हम आपके नियमों को समझे,आपकी सृष्टि को समझे और इस संसार में हम उन महान कार्यों को कर सके,जिनको करने के लिये हम इस दुनिया में आये है!
हमारी स्वयं की अपनी पहचान हो,हम अपने जीवन से संतुष्ट हो! हम अपने शरीर से, मन से,बुद्धि और आत्मा से बलवान हो!
हमारा विवेक सदैव काम करता रहे,सामर्थ्य शक्ति सदा साथ देती रहे!इस दुनिया में हम सहयोग और सेवा करते रहे लेकिन किसी से सहयोग की कामना न रखे!
हे नाथ हम सबकी झोलियां भरी रहे,हमसे जुड़े हर प्राणी मात्र के यहाँ सुख-शांति प्रदान करो!
*यही आपके समक्ष आपके चरणों में विनती है इसे स्वीकार करे!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/10/18, 4:07 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे जगत के नियंता! हे जगदीश्वर!हमारा श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो।*
सम्पूर्ण जगत को जन्म और जीवन प्रदान करने वाले मेरे पिता! मेरे ज्ञानस्वरूप सतगुरुदेव! हमें शक्ति दो,जिससे हम पतित,पिछड़े भाग्य तथा कर्म के मारे इंसानों का सहारा बनें।
हम उनके सखा बनें। उनके दुःख दूर करने का सामर्थ्य हमे प्रदान करना।
हे पावन देव! हम किसी के सम्मान को,स्वाभिमान को कभी चोट न पहुचाएं।
हम दूसरे के प्रभाव से और अपने आभाव से कदापि दुखी न हो। सदा तेरे रहे और तेरी रजा में रजामन्द रहे।
हे प्रभु!तेरी भक्ति से हर दिन का प्रारम्भ करें। तेरा आभार व्यक्त करके ही शयन करें। हमारी जिह्वा सदैव तेरे नाम का स्मरण करती रहे।
हे सर्वव्यापक!तुम तो सब कुछ जानते हो,तुम्हारे प्रति,अपने सतगुरु प्रति हमारी आस्था,हमारा विश्वास सदा अटल रहे,अडिग रहे।
हमारी चेतना के प्रभाव में तुम्हारा नाम सदा गुंजायमान रहे और तुम्हारा वरदहस्त हम भक्तो के शीश पर सदा बना रहे।
*यही हमारी प्रार्थना,याचना है।स्वीकार करो-स्वीकार करो।*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/11/18, 2:02 PM - MG Garga: <Media omitted>
11/14/18, 1:56 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

        *हे सच्चिदानन्दस्वरूप! आपको हमारा कोटिश: प्रणाम।*
संसार में आपकी सुन्दर व्यवस्था है।आपके द्वारा बनाये गए नियमों का जो भी उल्लंघन करता है,वह प्रकृति द्वारा अवश्य दण्डित होता है।
हे प्रभु !आपने अपनी सुन्दर सुव्यवस्था से इस सारे संसार को सजाया हुआ है।
अनुशासन में समस्त विश्व बंधा है। संसार में आना-जाना, संयोग- वियोग,पाना- खोना,सब आपके नियमों पर आधारित है।
हे मेरे प्यारे प्रभु!आप पिता हैं और हम आपके पुत्र हैं।हमारे ऊपर ऐसी दया और कृपा करना,जिससे हम भी सुव्यवस्था को जीवन में धारण करें।
हे नारायण! हम अनुशासन में रहकर जीवन में सुन्दर रंग भर सकें। सुन्दर योजनाओं के द्वारा अपने आपको स्वर्ग के अधिकारी बना सकें। हे प्यारे प्रभु! हमें आशीर्वाद प्रदान करें।
*आपसे हमारीआपसे यही याचना है,यही प्रार्थना है,यही विनती है,इसे आप स्वीकार करें।*

*ॐ शांति: शांति: शांति:*🌹
11/15/18, 5:09 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे सर्व शक्तिमान सर्वाधार प्रभु ! आप समस्त सुखों के भण्डार है। संसार सागर में अगर कही शान्ति और आनंद का केंद्र है, तो वे आपके चरणचिन्ह ही है । हमारा श्रद्धाभरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो।*
हे भगवान ! हे पवित्र पावन परमेश्वर! हमारे अंतःकरण में आप जैसी श्रद्धा भक्ति मैत्री और प्रेम जागृत हो ताकि हम आपके श्रद्धामयी गोद में बैठने का अधिकारी बन सके ।
हे प्रभु अंतःकरण में मलिन करने वाली सभी क्षुद्र भावनाओं से हम ऊपर उठ सके और काम क्रोध लोभ मोह ईर्ष्या द्वेष आदि आसुरी वृत्तियों पर विजय पा सके ।
हे भगवन! हमारे अंदर सात्विक वृत्तियाँ जागृत हो। क्षमा, सरलता, स्थिरता, अहंकार शून्यता आदि शुभ भावनाएं हमारी संपत्ति हो। हमारा व्यक्तित्व महान और विशाल बने।
हे प्रभु ! आप हमारे ऊपर अपने आशीर्वाद का वरदहस्त रखिये । जिससे हमारा जीवन सदैव आपके ही चरणविन्द में समर्पित रहे।
*हे प्रभु! अपनी सेवा में लेकर हमें कृतार्थ करें। हे पतितपावन ! यही आपसे हम सबकी प्रार्थना है, इसे स्वीकार करें।*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/17/18, 10:39 AM - MG Garga: *🌹प्रार्थना*🌹

*हे जगत के नियंता! हे जगदीश्वर! हमारा श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो।*
सम्पूर्ण जगत को जन्म और जीवन प्रदान करने वाले मेरे पिता!मेरे ज्ञानस्वरूप सतगुरुदेव!हमें शक्ति दो,जिससे हम पतित,पिछड़े भाग्य तथा कर्म के मारे इंसानों का सहारा बनें!हम उनके सखा बनें!उनके दुःख दूर करने का सामर्थ्य हमे प्रदान करना।
हे पावन देव!हम किसी के सम्मान को,स्वाभिमान को कभी चोट न पहुचाएं!हम दूसरे के प्रभाव से और अपने अभाव से कदापि दुखी न हो। सदा तेरे रहे और तेरी रजा में रजामन्द रहे।
हे प्रभु!तेरी भक्ति से हर दिन का प्रारम्भ करें!तेरा आभार व्यक्त करके ही शयन करें! हमारी जिह्वा सदैव तेरे नाम का स्मरण करती रहे!
हे सर्वव्यापक!तुम तो सब कुछ जानते हो,तुम्हारे प्रति,अपने के सतगुरु प्रति हमारी आस्था,हमारा विश्वास सदा अटल रहे,अडिग रहे!
हमारी चेतना के प्रभाव में तुम्हारा नाम सदा गुंजायमान रहे और तुम्हारा वरदहस्त हम भक्तो के शीश पर सदा बना रहे।
*यही हमारी प्रार्थना, याचना है।स्वीकार करो-स्वीकार करो!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/18/18, 7:02 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना* 🌹

*हे चन्द्र शेखर!हे जगदीश्वर! हे पतितपावन! हे कण-कण में रमने वाले परम अराध्यदेव! श्रद्धाभाव से विनत होकर हम आपकी प्रार्थना करते है!*
इस असार संसार में सार तत्व तो आपका नाम ही है! वही नाम हमारी वाणी में बसें,हमारे ह्रदय में उतरे और हमारे कर्म तथा व्यवहार के माध्यम से हमारे कृत्यों में प्रकट हो!हम जहाँ भी देखें,आपकी महिमा से आनंदित हो,उस आनंद को जीवन मे ढाले।
हे सत्यम,शिव,सुन्दरम प्यारे शंकर!आपका प्रेम सारे संसार में उदारता के रूप में,नदियों के प्रवाह के रूप में व हवा के रूप में हमें निरंतर जीवन देता है!
हे आशुतोष!हम उस प्रेम को अवश्य धारण करें जो हमारी जीवनी शक्ति को बढ़ाये!हम किसी की जिंदगी ले नही बल्कि सभी को जिन्दगी देने वाले बनें।
हे करुणा सागर!दिनों-दिन हमारी उन्नति हो, प्रगति हो! हमारा मन पवित्र व स्वच्छ होकर सदैव आपके चरणों में समर्पित रहे! हम संसार की परिक्रमा न करके आपकी परिक्रमा करते रहे! हमारा प्रत्येक क्षण शुभ हो, हर दिन मंगलमय हो।
हे ज्ञानस्वरूप परमेश्वर! हे मेरे सतगुरुदेव! आप हमें सुपथ पर चलने की शक्ति और प्रेरणा प्रदान करे!
हे देव! मेरे प्यारे सतगुरु! हमें सुपथ पर लेकर चलिए! अंदर से हमें प्रेरणा दो कि हम सही और गलत का चुनाव कर सकें और फिर उस पर चलने के लिए पूरी तरह से तत्पर हों और सुपथ पर चलते हुए ही ज्ञान, धन और समृधि से भरपूर रहे, अच्छे मार्ग पर चल कर ही धन कमाए मान-सम्मान कमाए।
*अपने सतगुरु के बताये मार्ग को जीवन में अपनायें!हमें शक्ति दो!*

*ॐ शांति शांतिः शांतिः*🌹
11/19/18, 12:29 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे दयालुदेव! हे कृपालुदेव! हे परमदेव! हे ज्योतिर्मय!*
*हे ज्ञानस्वरूप! हे अनंत-2 कृपा करने वाले मेरे प्यारे प्रभु*
आपके चरण-शरण में उपस्थित होकर हम आपके बच्चे आपसे प्रार्थना करते हैं।हमारा यह जीवन आपका दिया हुआ एक वरदान है।
श्रेष्ठ से श्रेष्ठ कर्म करने के लिए और जिंदगी की श्रेष्ठता को प्रकट करने के लिए इस संसार के कर्मक्षेत्र में हम लोग आए हैं।
हमारी बुद्धि अपनी श्रेष्ठता को उपलब्ध हो।हमारे ह्रदय का प्रेम श्रेष्ठता तक पहुंचे।हमारे कर्म श्रेष्ठता से युक्त हों।
हमारी आत्मा ऊंचाई को, महानता को, विशेषता को प्राप्त हो सके।हम अपने अंदर के श्रेष्ठ तत्वों को बाहर निकाल सकें।
जो कुछ दुनिया में करने के लिए जो क्षमताएं भगवान जी आपने हम को दी उन सभी क्षमताओं के सामर्थ्य का हम पूर्ण प्रयोग कर सकें
इस जीवन का पूर्ण लाभ ले सकें,हमें वो अवसर दीजिए,प्रेरणा और शक्ति दीजिए।हम अपने विकास तक पहुंचे,ऊंचाई तक पहुंचे।
हम संसार की उलझनों में, दुखों में उलझ कर न रह जाएं।उनके पार जाएं,अपना उद्धार करें और जो पिछड़ गए हैं,उनका भी हाथ पकड़ कर आगे लेकर जा सकें।हमें आशीर्वाद दें।
*अपनी भक्ति,अपनी कृपा,अपने आशीर्वाद हमें प्रदान करें। यही विनती है मेरे प्यारे प्रभु।स्वीकार करे।*

*ऊँ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/19/18, 12:31 PM - MG Garga: 💐💐
*सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।*
*सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।*

सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।

इन्हीं मंगलकामनओं के साथ आपका दिन मंगलमय हो 🙏🙏 *सुप्रभात* 🙏🙏
11/22/18, 7:28 AM - MG Garga: *🌹प्रार्थना*🌹

*हे नारायण! हे सच्चिदानन्दस्वरूप!* *आपको हमारा कोटिश: प्रणाम*       
संसार में आपकी सुन्दर व्यवस्था है। आपके द्वारा बनाये गए नियमों का जो भी उल्लंघन करता है,वह प्रकृति द्वारा अवश्य दण्डित होता है।
हे प्रभु !आपने अपनी सुन्दर सुव्यवस्था से इस सारे संसार को सजाया हुआ है।अनुशासन में समस्त विश्व बंधा है।
संसार में आना-जाना, संयोग- वियोग,पाना- खोना,सब आपके नियमों पर आधारित है।
हे मेरे प्यारे प्रभु!आप पिता हैं और हम आपके पुत्र हैं।हमारे ऊपर ऐसी दया और कृपा करना,जिससे हम भी सुव्यवस्था   को जीवन में धारण करें।
हे नारायण! हम अनुशासन में रहकर जीवन में सुन्दर रंग भर सकें। सुन्दर योजनाओं के द्वारा अपने आपको स्वर्ग के अधिकारी बना सकें। हे प्यारे प्रभु! हमें आशीर्वाद प्रदान करें।
*आपसे हमारीआपसे यही याचना है,यही प्रार्थना है,यही विनती है,इसे आप स्वीकार करें।*

  *ॐ शांति: शांति: शांति:*🌹
11/24/18, 9:11 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे जगदाधार! हे जगदीश्वर!*
*हे परमपावन! हे पतितपावन!*
*हे कण कण में रमने वाले परम अराध्यदेव! श्रद्धाभाव से विनत होकर हम आपकी प्रार्थना करते है,*
इस असार संसार में सार तत्व तो आपका नाम ही है। वही नाम हमारी वाणी में बसें ,हमारे ह्रदय में उतरे और हमारे कर्म तथा व्यवहार के माध्यम से हमारे कृत्यों में प्रकट हो। हम जहाँ भी देखें, आपकी महिमा से आनंदित हो,उस आनंद को जीवन मे ढाले।
हे सत्यम,शिव,सुन्दरम प्रभु! आपका प्रेम सारे संसार में उदारता के रूप में, नदियों के प्रवाह के रूप में व हवा के रूप में हमें निरंतर जीवन देता है।
हे प्रभु! हम उस प्रेम को अवश्य धारण करें जो हमारी जीवनी शक्ति को बढ़ाये! हम किसी की जिंदगी ले नही बल्कि सभी को जिंदगी दे।
हे प्रभु! दिनों दिन हमारी उन्नति हो,प्रगति हो!हमारा मन पवित्र व स्वच्छ होकर सदैव आपके चरणों में समर्पित रहे।
हम संसार की परिक्रमा न कर आपकी परिक्रमा करते रहे। हमारा प्रत्येक क्षण शुभ हो, हर दिन मंगलमय हो।
हे ज्ञानस्वरूप परमेश्वर! हे मेरे सतगुरुदेव!आप हमें सुपथ पर चलने की शक्ति और प्रेरणा प्रदान करे!
हे देव!मेरे प्यारे सतगुरु!हमें सुपथ पर लेकर चलिए!अंदर से हमें प्रेरणा दो कि हम सही और गलत का चुनाव कर सकें और फिर उस पर चलने के लिए पूरी तरह से तत्पर हों।
*सुपथ पर चलते हुए ही ज्ञान,धन और समृधि से भरपूर रहे,अच्छे मार्ग पर चल कर ही धन कमाए मान-सम्मान कमाए! अपने सतगुरु के बताये मार्ग को जीवन में अपनायें! हमें शक्ति दो।*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/25/18, 1:58 PM - MG Garga: ** * ।। जय श्रीकृष्ण ।। ***
परम पूज्य संत युगऋषि सदगुरू श्री सुधांशु जी महाराज श्री के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम।।
हे प्रभु मेरे अंग संग रहना। तेरे नाम के सहारे प्रेम, और शांति हृदय मे महसूस करता हु।
हे नारायण प्रभु, मेरे वाणी में , मेरे व्यवहार मे प्रभु आप उतर जावो। मै जो कुछ भी करुँ, वो आपको पसंद आये ऐसे ही कर्म करु।
* हम बाहर से मजबूत बने न बने लेकिन अंदर से मजबूत बनने के लिए प्रयास करे।आत्मज्ञान आपकी शक्ति है। उस शक्तियो को बढाना है।
भगवान परमात्मा को क्या भेट चढाये कि जिससे वो प्रसन्न हो जाये।
*(1)पत्रं:- पेड़ का पत्ता, बेल पत्ता शिवजी को पसंद है। अगर वो नहीं है तो चित्त भगवान को अर्पित कर दो। हमारा चित्त भगवान मे लग जाना चाहिए।ये बड़ी सौभाग्य कि बात है।
इसी को योग कहा है।
**(2) पुष्प:- मनरुपी पुष्प भगवान को दो। जो मन खिला हुआ हो, निराश मन नही।तन स्वस्थ है तो मन भी स्वस्थ रहेगा। और एक खास बात मन में प्रेम हो। प्रेम की महेक वाला पुष्प भगवान को पसंद है। वहीं पुष्प भगवान को दो।
***(3) फल:- भगवान के प्रसन्नता के लिए जो कुछ भी हमने अच्छे कर्म किये है, वही समर्पित कर दो।
भगवान ने हमे सबकुछ दिया है। फल, फुल ,जल, पत्र उसी ने ही तो दिया है। तो हम क्या भेट चढाये उनको उसमें कुछ नया थोड़ा कर रहे हैं। ।।भजन।।।
।। तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना ,
जिसे मै उठाने के काबिल नहीं हु"।।
अरे हम क्या दे सकते है उस प्रभु को। उसका ही तो दिया हुआ हम सब खा रहे है।
और मजे की बात है कि वो जताता भी नहीं कि मैंने आप सबको इतना कुछ दिया है।उसके देने में कम नही। हमारे लेने मे कमी है।प्रभु तो हमें हजारों लाखों हाथों से सबको बाँट रहा है।
**#।।* So try to understand what is philosophy behind it.**
ऊपर जो 3 points दिये है वो करों ही, लेकिन भगवान परमात्मा की मन की बात भी हमें समझना जरूरी है। और वही आपभेट उन मेरे प्यारे प्रभु को चढाये। ऐसा मुझे लगता हैं।
****(4)तोयं:-पानी न गंगा जल , न नल का पानी, तो भगवान परमात्मा का अभिषेक कैसे करोगे? तो ऑखों के पानी से भगवान का अभिषेक कर दो। सबसे श्रेष्ठ जल कौनसा है? श्रेष्ठ जल है अश्रु जल प्रेमाश्रु जल उसीसे भगवान का अभिषेक कर दो। कहो उसे भगवान मै जैसी/जैसा भी हु आपका ही हु। मुझे अपने चरणों में स्थान दें। मै आपका अमृतस्य पुत्र बनु ऐसी सुबुद्धि जरुर देना। मैं आपका गुणगान करते रहु। सेवा , स्मरण ,समर्पित ,भावना बनीं रहे ।इतनी भक्ति शक्ति मुझे जरूर देना भगवान।
मेरी मति सुमती बनी रहे ।संसार की चिजे कम कर देना लेकिन तेरी भक्ति कभी भी कम नो ऐसा ज्ञान जरूर दो।
देखिये सभी जितने भी हमारी नदियाँ है वो पवित्र जल से युक्त है। हम उनकी पुजा भी करते है। वो अपनी जगह ठिक है। लेकिन भगवान के प्यार में उनकी याद मे हमारे आँसु अपने आप बहनी लगे तो वही जल से भगवान का अभिषेक कर दो।
यह ज्ञान हमारे सदगुरू श्री सुधांशु जी महाराज श्री के मुखारविंद से निकला हुआ अमृत है। वहीं अमृतपान करने से ही हमारा इहलोक और परलोक भी सुधरेगा।
#परम पूज्य संत युगऋषि सदगुरू श्री सुधांशु जी महाराज श्री के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
।।।।। आप सभी का कल्याण हो। आपको मुश्किलों से लढने कि शक्ति मिलती रहे। और आप सबका भला हो। यहीं प्रार्थना करता हु।
।।।सुप्रभात।।। धन्यवाद जी।।।
11/25/18, 1:59 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे परमेश्वर,हे सच्चिदानंदस्वरूप! हम सभी आपके श्रीचरणों में कोटिश: नमन करते हैं!*
हे मेरे प्यारे प्रभु! हे दयाओं के अनंत सागर!आप पल-प्रतिपल हम सब प्राणियों पर कृपा-वृष्टि कर रहे है।आप प्रेमपूर्ण होकर ही सृष्टि का निर्माण करते है और सृष्टि का संहार भी आपके प्रेमपूर्ण हाथो से ही होता है।
प्राणिमात्र के प्रति प्रेम से ओत-प्रोत होकर आप सृष्टि के नियमों की रचना करते है। जो प्राणी आपके नियमों के अनुकूल आचरण करता है उसकी झोली सुख और आनंद से सदा भरी रहती है।
हे जगत के नियंता! हे जगदीश्वर! हम आपके कल्याणमय तेज स्वरुप का ध्यान धरते है और याचना करते है कि हमे ऐसी मानसिक सामर्थ्य प्रदान करें कि हम हमेशा आपके ही नियमों पर चलते रहें।आलस्य व् प्रमाद हम पर कभी हावी न हो।
आपके कल्याणमय चरणों पर हमारी दृष्टि सदा लगी रहे।संसार के नियमों का पालन करते हुए हम आपकी प्रेम की डोर से हमेशा बंधे रहे!प्राणी मात्र से प्रेम कर सके ऐसी करुणा देना।
हे मेरे प्यारे प्रभु! हमे दुःखो से,कष्टों से मुक्त करें किन्तु अपने प्रेम बंधन से हमे अलग न होने दे।
हे प्रभु! न जाने कितने जन्मों तक भटकने के बाद आपकी कृपा से यह मनुष्य जन्म मिला है। मोह ममता के कारण अनेक योनियों से गुजरना पड़ा है।
अब वैराग्य जागृत कर दीजिये।हमें ऐसा ज्ञान और विवेक प्राप्त हो जिससे हम अपने कर्तव्यों को तो निभायें लेकिन मोह-ममता हमारे मन में जागृत न हो।
हे परमात्मन!अपनों के प्यार में पड़कर हम कोई गुनाह न करें!भले ही अपने संबधियों को ज्यादा सुख-सुविधाएँ न दे सके,पर अच्छे संस्कार और मर्यादा जरूर देकर जायें।
*हे भगवन! ये दुनिया हमसे छूट जाये पर आपका धाम हमें प्राप्त हो जाये! इस जन्म में ही मुक्ति मिल जाये। यही हमारी आपके श्रीचरणों में प्रार्थना है,इसे स्वीकार करें!*

*ॐ शांति-शांति-शांतिॐ!*🌹
11/25/18, 2:05 PM - MG Garga: <Media omitted>
11/26/18, 3:27 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे प्रभु! सभी स्वस्थ व सुखी रहें!हे सर्वशक्तिमान! हे सुखदाता! आप सभी के दुःखो को दूर करो।*
सभी को आरोग्यता का वरदान दो,मन में शांति और जीवन में आनंद दो!
हे परमेश्वर! सबका जीवन शक्ति सम्पन्न हो! कर्त्तव्य परायणता सभी का उद्देश्य बने,सबका जीवन रसपूर्ण हो।
सेवा,सिमरन, स्वाध्याय, सत्संग, सहयोग,सहानुभूति का भाव अपनाते हुए सब कल्याण के मार्ग पर अग्रसर हो!
हे प्रभु! आप हमें सुबुद्धि दो,सुमति दो! इस संसार में अशुभ कर्मों से छुटकारा पाते हुए,हम शुभकर्मों की ओर बढ़े,आनंद को प्राप्त कर सकें।
दुनिया में भटक न जाएँ,खो न जाएँ! हमारी पहचान बने कि हम आपके भक्त है,हम आपके पुत्र है और आप हमारे पिता है!
हे भगवान! जब तक हम इस संसार में जीवित रहे,यह शरीर किसी पर निर्भर न हो!अपना काम स्वयं कर सके!
हे दीनानाथ! हमे सामर्थ्य दीजिये,शक्ति दीजिये,ज्ञान दीजिये,बुद्धि-विवेक दीजिये! हम अपनी खाली झोली आपके चरणों में लेकर आये है। हमारी झोलियां भरपूर कीजिये!
*आप सभी की रोग-बीमारियां दूर कीजिये,सभी को अच्छा स्वास्थ्य प्रदान कीजिये,सभी स्वस्थ,सबल, सुखी रहें! यही कामना है,यही याचना है,स्वीकार कीजिये।*

*ॐ शांति शांति शांति ॐ!* 🌹
11/27/18, 1:37 PM - MG Garga: <Media omitted>
11/27/18, 1:38 PM - MG Garga: <Media omitted>
11/27/18, 1:45 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*मेरे प्यारे प्रभु! हे शिव-शंकर!करुणासिंधु! सृष्टि के महानायक हो तुम!*
हे परम पावन प्रभु!हे सच्चिदानंद स्वरुप,हे परमपिता परमात्मा!आप ही इस अखण्ड सृष्टि के महानायक हो, हम सब अबोध बालक और बालिकाएँ आपके श्रीचरणों में सादर नमन करते हैं!
आप सर्वज्ञ हैं, सर्ववयापक हैं,सर्वशक्तिमान हैं। आपकी समस्त अनंत कृपाओं के प्रति हम आपके आभारी हैं!
हे दयालु देव! हे कृपालु दाता! हम सब अल्पज्ञ हैं,इस कारण जन्म-जन्मान्तरों से हमारे द्वारा अनेकानेक गलतियां होना संभव हैं।
हमारे अपराध जब दुःख बनकर सामने आते हैं,तब हमें कोई सांसारिक सहारा नहीं मिलता,आपकी कृपा सबसे बड़ी शक्ति हैं,उसी के सहारे हम दुःखों के भवसागर को पार करने की कामना करते हैं!
हे संसार के स्वामी!हमारे ह्रदय में प्रेम,पवित्रता का वास हो,दृष्टि में प्यार हो,मन निर्मल एवं शिव संकल्पवान हो,वाणी में मिठास हो,विचारो में शुद्धता हो,जिससे हमारे कर्मो में कर्तव्ययुक्त भक्ति की भीनी-भीनी सुगंध का समावेश निरंतर बना रहे!
*हम दुःख में रहे या सुख में परंतु हमारा लक्ष्य महान हो!यही प्रार्थना एवं याचना हैं इसे स्वीकार करो!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
11/28/18, 8:24 AM - MG Garga: <Media omitted>
11/29/18, 12:53 PM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे विश्वपिता परमात्मा, हे परम पावन परमेश्वर, हे सर्वशक्तिमान प्रभु, हम सब आपके श्रीचरंकमलों में श्रद्धाभाव से प्रणाम करते हैं, इसे स्वीकार कीजिये।*
हे भगवान! जब तक हम जियें, आत्मनिर्भर होकर जियें। कभी किसी की सहायता, सेवा, सहयोग लेने की इच्छा हमारे मन में न आये।
मांगने की इच्छा हो तो भगवान् तेरे दर पर ही आकर पुकारे। दुनिया का भरोसा हो ना हो, लेकिन भगवान!  तेरा भरोषा सदा बना रहे ।
दुनिया भले ही मिलकर छूट जाय, लेकिन तेरा दामन कभी न छूटे। दुनिया ठुकरा दे तो ठुकरा दे, लेकिन भगवान्, तू कभी न ठुकराना ।
यह दुनिया भले ही रूठ जाय, लेकिन भगवान् तू कभी रूठना नहीं, और मुँह मोड़ना नहीं, सदा हमें अपनी चरण शरण में रखना ।
हे जगत के नियन्ता ! जगत के आधार! हम भक्तों का श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो।
हे प्रभु कौन सा ह्रदय लेकर आऊँ, कौनसा मन, कौनसा धन, कौनसा तन लेकर आऊँ ? क्या तुझे दूँ जो तू रीझ सके ? क्या कर्म करूँ की तेरी कृपा मुझे मिल जाय? क्या प्रार्थना करूँ की तू सुन लें? कितने जन्म और लूँ की तेरा धाम मिल सकें ?
हे मेरे पावन प्रभु ! बहुत युग बीते , कब लोगे खबर ? कब सुनोगे पुकार ? कब मिलेगा तुम्हारा प्यार? जीवन की साँझ बीत रही है अब और देर न लगाना प्रभु ! अपना करुणा हस्त बढ़ाकर मुझे सभांलो।
*हजारों टूटे घोसलों की कड़ियों को जोड़ता हूँ यह तेरा निर्मल स्पर्श है जिसे पाकर मैं हुलसता हूँ। *

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
12/16/18, 11:42 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे विश्वपिता परमात्मा, हे परम पावन परमेश्वर, हे सर्वशक्तिमान प्रभु, हम सब आपके श्रीचरंकमलों में श्रद्धाभाव से प्रणाम करते हैं, इसे स्वीकार कीजिये।*
हे भगवान! जब तक हम जियें, आत्मनिर्भर होकर जियें। कभी किसी की सहायता, सेवा, सहयोग लेने की इच्छा हमारे मन में न आये।
मांगने की इच्छा हो तो भगवान् तेरे दर पर ही आकर पुकारे। दुनिया का भरोसा हो ना हो, लेकिन भगवान!  तेरा भरोषा सदा बना रहे ।
दुनिया भले ही मिलकर छूट जाय, लेकिन तेरा दामन कभी न छूटे। दुनिया ठुकरा दे तो ठुकरा दे, लेकिन भगवान्, तू कभी न ठुकराना ।
यह दुनिया भले ही रूठ जाय, लेकिन भगवान् तू कभी रूठना नहीं, और मुँह मोड़ना नहीं, सदा हमें अपनी चरण शरण में रखना ।
हे जगत के नियन्ता ! जगत के आधार! हम भक्तों का श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो।
हे प्रभु कौन सा ह्रदय लेकर आऊँ, कौनसा मन, कौनसा धन, कौनसा तन लेकर आऊँ ? क्या तुझे दूँ जो तू रीझ सके ? क्या कर्म करूँ की तेरी कृपा मुझे मिल जाय? क्या प्रार्थना करूँ की तू सुन लें? कितने जन्म और लूँ की तेरा धाम मिल सकें ?
हे मेरे पावन प्रभु ! बहुत युग बीते , कब लोगे खबर ? कब सुनोगे पुकार ? कब मिलेगा तुम्हारा प्यार? जीवन की साँझ बीत रही है अब और देर न लगाना प्रभु ! अपना करुणा हस्त बढ़ाकर मुझे सभांलो।
*हजारों टूटे घोसलों की कड़ियों को जोड़ता हूँ यह तेरा निर्मल स्पर्श है जिसे पाकर मैं हुलसता हूँ। *

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
4/4/19, 9:07 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे प्यारे प्रभु हमारी भक्ति निरंतर बढ़ती रहे!*
हे जगत के आधार! हे ब्रह्मा!हे विष्णु!हे परमसत्ता शिव!आप हम पर अनंत-अनंत कृपा बरसाते हो! हम पात्र हो या ना हो,तब भी आप अपनी कृपा और दया करते है।
हे प्यारे देव!हमारे समस्त दोषों को दूर कीजिए,हमे सद्बुद्धि, सुमति दीजिए। हमें सन्मार्ग दिखाइए, हम सदैव अपनी भक्ति को निरंतर बढ़ाते हुए आपके श्रीचरणों के प्रति सदा ध्यान लगाये रहे।
हे प्रभु! हमारी श्रद्धा,हमारी भक्ति निरंतर बढ़ती रहे,हमारी लगन दृढ होती जाये। हमारे विश्वास में सदा अभिवृद्धि हो! हमारे ह्रदय में सदैव अपनी ज्योति बसायें,हमारी आत्मा को आलोकित करें।
हे प्यारे देव!हम सभी भक्तों का निवेदन है कि इस असार संसार में,इस उलझन भरे जीवन के पथ पर हम सुगमता से चलते हुए अपने जीवन का लक्ष्य प्राप्त कर सकें!
हे प्रभु!हमें आशीर्वाद दो! हमें उलझनों से पार होने कि सद्बुद्धि प्रदान करे! जीवन के टेढ़े-मेढ़े और उलझनों से युक्त मार्गो पर हमारा मन संतुलित बना रहे और हमारी हिम्मत कभी न टूटे।
*हे प्यारे देव! हमारा हर दिन शुभ दिन बन जाये,हर कर्म शुभकर्म बन जाये! हमारा अंतःकरण पवित्र हो,हमारा जीवन खुशियों और आनंद से भरपूर हो जाये!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
6/3/19, 9:31 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे प्यारे देव!आपके दिए हर उपहार को श्रद्धा पूर्वक स्वीकार कर सके।*
हे जगत के आधार!सच्चिदानन्द स्वरूप प्यारे प्रभु! हे शुद्ध-बुद्ध मुक्त स्वभाव प्यारे प्रभु! हम आपको बार-बार प्रणाम करते हैं!आपकी अनंत-अनंत अनुकम्पाओं के लिए हे प्रभु!आपको नमन करते हैं!
हे प्रभु!हम सबका नमन स्वीकार कीजिए! हम सदैव आपके चरण-शरण में रहें!
आपकी महिमा,आपकी व्यवस्था,आपके नियम,आपके कायदे-कानून और आपका प्रसाद जो भी मिले,हम हरेक वस्तु को और आपके दिये गये हर उपहार को श्रद्धापूर्वक स्वीकार करने वाले बनें!हर वस्तु को आपका प्रसाद मानें!
परीक्षा की घड़ी में आगे निकलने के लिए आपका सहारा मांगते रहे!
*श्रद्धाभाव से हमारा माथा आपके श्रीचरणों में झुकता रहे!हमारा प्रणाम स्वीकार करें!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹
6/10/19, 1:01 PM - MG Garga: *उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है |*
*जो सोवत है सो खोवत है, जो जगत है सोई पावत है ||*

*टुक नींद से अखियाँ खोल जरा, और अपने प्रभु में ध्यान लगा |*
*यह प्रीत कारन की रीत नहीं, रब जागत है तू सोवत है ||*

*जो कल करना सो आज करले , जो आज करे सो अभी करले |*
*जब चिड़िया ने चुग खेत लिया, फिर पश्त्यते क्या होवत है ||*

*नादान भुगत अपनी करनी, ऐ पापी पाप मै चैन कहाँ |*
*जब पाप की गठड़ी सीस धरी, अब सीस पकड़ क्यूँ रोवत है ||*
7/12/19, 7:54 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे ज्योतिर्मय! हमारा प्रणाम स्वीकार हो।*
- हे प्रभु मनुष्य अपनी जीवनयात्रा में आवश्यकताओं, इच्छाओं में बंधा रहता है। जिनके कारण मनुष्य इस संसार में तरह-तरह के कर्म करता है, भटकता है, भ्रमित होता है और दुःख भोगता है।
जो इच्छा हमारी उन्नति कराए, हमें आपका प्रेम दे सके, जिससे-हमारे अंदर शांति आ सके, हम अपना और दूसरों का उद्धार कर सकें, उस इच्छा शक्ति को आप हमें प्रदान कीजिए। 
हे प्रभु! आप हमें वह सुबुद्धि प्रदान कीजिए, जिसके प्रकाश में हम उचित निर्ण्य लेकर उत्तम पथ पर अग्रसर हो सकें। 
हे नारायण! आप ऐसी कृपा करें कि जिससे जीवन के अंतिम भाग तक यह शरीर कर्मशील बना रहे, कर्मठ बना रहे, सेवा करता रहे, लेकिन सेवा कराए नहीं। सदैव चेहरे पर मुस्कान, माथे पर शीतलता और वाणी में माधुर्य बना रहे।
हे दाता! इतना धन-समृद्धि प्रदान करना कि ये हाथ कभी दूसरों के आगे फैले नहीं और हमारे कार्य पूर्ण रहें।
हे प्रभु! आंखों में ऐसी प्रेम दृष्टि देना जिससे कि हम द्वेष और घृणा से ऊपर उठकर जी सकें। हम कभी भी वैर के बीज को संसार में फैलाएं नहीं।
*जहां भी जाएं शांति की सुखद छाया चारों ओर फैला सकें। ऐसा हमें आशीर्वाद प्रदान करें। आपसे हमारी यही विनती है। इसे स्वीकार करें।*

*ऊँ शांतिः। शांतिः शांतिः*🌹
1/25/21, 9:34 AM - MG Garga: 🌹 *प्रार्थना*🌹

*हे गणपति!हे विनायक!हे लम्बोदर! हे सर्वशक्तिमान सच्चिदानंद स्वरुप प्रभु!हमे हमारी उलझनें दूर करने की शक्ति दो।*
जैसे-जैसे आयु बढती जाए,वैसे-वैसे हमारी उलझनें, समस्याएँ,चुनौतियां और संघर्ष भले ही बढ़ते जाएं,लेकिन हमारा मन,हमारी बुद्धि,उलझनों से पार जाने का विवेक कभी कमजोर न पड़े,ये सदैव बढ़ते रहें।
संघर्षों के बीच मुस्कुराते रहने की शक्ति देना।उलझनों के पार जाने की बुद्धि देना।जीवन के टेढ़े-मेढ़े मार्ग से पार जाने की शक्ति देना।
हे दयालु देव! हमारे जीवन में शान्ति हो,प्रसन्नता हो,आनंद हो,रस हो,प्रेम हो,बस यही हम दौलत आपसे मांगते है।
हमारी आपके चरणों के प्रति श्रद्धा बनी रहे,नाम जपने में रस बना रहे,सेवा करने की निष्ठा बनी रहे।
*हे प्रभु!बस यही हमारी विनती है इसे स्वीकार कीजिये।शक्ति देना मेरे प्रभु!शक्ति-शक्ति-शक्ति!*

*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹

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